राजनीति
मनमोहन-चिदंबरम की बीस बरस की जोड़ी की इकनॉमिक्स तले देश का बंटाधार
चिदंबरम का मतलब इस वक्त महज 2जी घोटाले में फंसे नेता का कुर्सी बचाना भर नहीं है। बल्कि मनमोहन सिंह ...
विशेषाधिकार क्यों और किसके लिए?
संत तुलसीदास ने कलयुग के बारे में जैसा बताया आज अक्षरशः वैसा ही घटित हो रहा है। मसलन गाल बजाने ...
साइकिल से सोने के सिंहासन तक
खनन के काले कारोबार से कर्नाटक में सामानांतर सरकार चलाने की कुबत रखने वाले रेड्डी बंधुओं के पापा का घड़ा ...
दादागिरी: मनमानी करने की
जिस देश में भ्रष्टाचार को ले ऐतिहासिक आन्दोलन चल रहा हो, केन्द्र सरकार की भद्द पिट रही हो, केन्द्र के ...
सियासी बिसात कैसे बिछी अन्ना के लिये
जनलोकपाल के जनतंत्र से हारा संसदीय लोकतंत्र जनलोकपाल की लड़ाई क्या ऐसे मोड पर आ गई है, जहां कांग्रेस को अब ...
भ्रष्टाचार – मुझे कैसे भगाओगे
व्यंग्य-कड़वा सच मानव शुरू से ही लालची रहा है। लालच एक स्वभाविक प्रक्रिया है। यह लालच कई सूक्ष्य रूपों में रहता ...
क्या हम दासता के बंधन से मुक्त हैं?
आजादी एक जन्म के समान हैं। जब तक हम पूर्ण स्वतंत्र नहीं हैं तब तक हम दास हैं।- महात्मा गांधी भारत ...
नैतिकता बची नहीं, भलमनसाहत जाती रही
कहने को तो स्वतंत्र हुए हम 64 बसंत देख चुके हैं लेकिन जब भी जालिम अंग्रेजों का ख्याल आता है ...
गायब हो जाने दो, बच्चा है!
अपने बच्चे को चहकते देख हर मां-बाप का मन गदगद हो जाता है। जरा सोचिये, जब यही मासूम दुनिया समझने ...


