समाज

मानव-केंद्रित वैश्वीकरण : हमें जी20 को दुनिया के अंतिम छोर तक ले जाना है, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है
नरेन्द्र मोदी वसुधैव कुटुम्बकम् – हमारी भारतीय संस्कृति के इन दो शब्दों में एक गहरा दार्शनिक विचार समाहित है। इसका अर्थ ...
लिखते तो वे लोग हैं जिनके अंदर कुछ दर्द है…….
शोषित,वंचित व पीड़ित वर्ग की आवाज़ बुलंद करना लेखन का प्रथम दायित्व क़लम के सिपाही के नाम से प्रसिद्ध तथा ...
समान नागरिक संहिता के पक्ष में खड़ा है देश
देश में लंबे समय से तुष्टीकरण की राजनीति के चलते समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर कुछ राजनीतिक दल ...
समृद्ध दिल्ली ठगस्तान न बनने पाए
निरा खोखली है राजनैतिक शुचिता की बातें राजनीति का धर्म हो चाहे धर्म की राजनीति, भ्रष्टाचार का अंत हो चाहे अंत ...
दहशत-ए-कोरोना : एक अबूझ पहेली
पूरे विश्व में एक बार फिर कोविड के विस्तार को लेकर चिंतायें बढ़ने लगी हैं। भारत सहित दुनिया के अनेक ...
मधुमेह का बढ़ता ख़तरा
विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर पर विशेष दुनियाभर में मधुमेह का ख़तरा लगातार बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के ...
अंतरराष्ट्रीय बुज़ुर्ग दिवस (एक अक्टूबर) पर विशेष
ज़िन्दगी की सांझ में बुज़ुर्गों का सहारा बनें मां-बाप बड़े लाड़-प्यार से बच्चों की परवरिश करते हैं। उन्हें अच्छे से अच्छा ...
बाबा रामदेव : अपने घर शीशे के और दूसरों के घरों पर पत्थर ?
पतंजलि समूह के कर्ता धर्ता बाबा रामदेव देश की एक अनोखी व अभूतपूर्व शख़्सियत हैं। पहले गेरुआ वस्त्र धारण कर ...
कभी आत्मावलोकन भी कर लिया करें ?
हमारे दैनिक जीवन की तमाम समस्यायें हमें प्रतिदिन हर समय प्रभावित करती हैं। और दूसरों के सिर अपनी इन परेशानियों ...