पर्यावरण

पहाड़ों पर विकास यानी प्रकृति विनाश को न्यौता

    इस वर्ष ऐन दीपावली (12 नवंबर ) के दिन जब पूरा देश इस पावन पर्व के जश्न में डूबा ...

वायु प्रदूषण:एक अनियंत्रित होती समस्या

            बीती दीपावली में एक बार फिर पूरे देश में ज़हरीली गैस वातावरण में फैलने का स्तर पहले से कई ...

पर्यावरण को दूषित करता ई-कचरा

डा. विनोद गुप्ता पर्यावरण को लेकर अभी हमारे देश में पूरी तरह जागरुकता नहीं आई है। प्रदूषण जैसे अहम मुद्दे विकास ...

जल से जागरूकता अनवरत जारी

डॉ. मोनिका शर्मा  इस बार होली से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में जल संकट को देखते हुये ...

मनुष्य मांस क्यों खाए?

सारी दुनिया में भारत ही ऐसा एकमात्र देश है, जिसमें करोड़ों शाकाहारी लोग रहते हैं। ये शाकाहारी लोग मांस, मछली, ...

प्रकाश प्रदूषण : एक धीमा जहर ?

पाठकगण शीर्षक देखकर चौंकेंगे, लेकिन यह एक हकीकत है कि धीरे-धीरे हम जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण के बाद अब प्रकाश ...

कागज : एक राष्ट्रीय सम्पत्ति

सन २००४ के आम चुनाव भारत के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित हुए हैं, राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण ...

भोजन में मीठा ज़हर

देश की एक बड़ी आबादी धीमा ज़हर खाने को मजबूर है, क्योंकि उसके पास इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं ...

प्लास्टिक कचरा : गहराता पर्यावरणीय संकट

प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बना हुआ है. हर परिवार हर साल क़रीब तीन-4 किलो प्लास्टिक थैलों ...

तपती जमीन तपते सवाल

पेड़ों को रखे आस-पास, तभी रहेगी मानसून की आस।   दिल्ली से रानीखेत की तरफ जाते पहाड़ के गांवों की दीवार पर ...