Author: निर्मल रानी

समाज में गहराती अंधविश्वास की जड़ें

    पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान ' जैसा लोकप्रिय नारा देश को दिया था उस ...

विकास का वास्ता विनाश का रास्ता ?

     उत्तराखंड के सीमाँचलीय क़स्बे जोशीमठ में पहाड़ों के धंसने की सूचना मिलने के बाद ख़बर है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ...

क्या भ्रष्टाचार हमारे देश में यथार्थ का रूप ले चुका है ?

     देश की सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से जब देश के एक 'प्रसिद्धि प्राप्त' टी वी ...

क्या विवादित बयान देना भी ‘सुर्ख़ियां बटोरने’ का माध्यम बन गया है ?

      हमारे देश में धर्म-कर्म,नैतिकता-मर्यादा,मान-सम्मान,आदर-सत्कार,परोपकार-शिष्टाचार,सरलता व मृदुभाषी होने आदि की जितनी ज़्यादा बातें की जाती हैं इन बातों का उतना ...

हैवानियत की सारी हदें पार कर रहा इंसान

     क्रूरता की जब कभी बात होती है तो लोग 'जानवरों ' जैसे व्यवहार की मिसाल देते हैं। परन्तु इंसान ...

‘भांड गीरी’ पर उतारू भारतीय टी वी चैनल्स

    क्रिकेट टी-20 विश्व कप का पिछले दिनों इंग्लैण्ड के 'विश्व विजयी ' होने के साथ समापन हुआ। फ़ाइनल ...

जब बेटी हो बेटी की दुश्मन,तब बेटी को कौन बचाये ?

    पुरुषों द्वारा महिलाओं पर अत्याचार,उनका शोषण व उत्पीड़न करने की अनेक घटनायें आये दिन सुर्ख़ियों में रहती हैं। अक्सर ...

मज़बूत विपक्ष देश की सबसे बड़ी ज़रुरत

वैसे तो राजनीति शास्त्र के अनुसार लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता पर नकेल कसने के लिये विपक्ष का मज़बूत होना बहुत ...

कभी ख़त्म भी होगा सत्ता संरक्षण में पोषित होने वाला ‘असीमित भ्रष्टाचार ‘?

राष्ट्रीय राजमार्ग हों या अंतरराज्यीय मार्ग अथवा शहरों,क़स्बों व गांव की सड़कें या गलियां,कहने को तो इनका निर्माण जनता की ...

मौत का पर्याय बनते जीवन रक्षक अस्पताल

हमारे देश में इन दिनों स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ 'अमृत महोत्सव ' के रूप में मनाने की ज़ोरदार तैय्यारी ...