Author: निर्मल रानी

सच छुपाने के यह ‘इश्तेहारी झूठ’

    राष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे स्वच्छता मिशन पर केंद्र सरकार अब तक अरबों रूपये ख़र्च कर चुकी है। ...

चुनावोपरांत ही वरिष्ठ नागरिकों पर प्रहार ?

     हमारे देश के राजनैतिक दल जब जनता के बीच जाते हैं उस समय तमाम लोक हितकारी बातें किया करते ...

‘ राष्ट्रभक्ति का पाठ ‘ क्या सिर्फ़ जनता के लिये ?

     विगत पांच फ़रवरी को हैदराबाद के निकट संत रामानुजाचार्य की 216 फ़ुट ऊंची विशालकाय प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' का ...

‘आधी आबादी’ को भी कुछ अपने लिये तय कर लेने दो

                                 दुनिया में कहीं भी जब महिलाओं की स्वतंत्रता या उनके अधिकारों की चर्चा छिड़ती है उस समय दुनिया ...

चुनाव पूर्व ‘पी एम’ व ‘सी एम’ का चेहरा घोषित करना कितना उचित ?

   भारतीय संविधान के अनुसार जो भी व्यक्ति चुनवोपरांत बहुमत प्राप्त संसदीय दल के सदस्यों द्वारा अपना नेता चुना जाता ...

पुरुष प्रधान समाज की वीभत्स कल्पना है भूतनी या चुड़ैल

     पिछले दिनों भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने देश की अनेक हस्तियों को देश के सबसे बड़े एवं ...

भ्रष्टाचार व कुप्रबंधन के चलते बारिश में डूबता हमारा देश

     भीषण गर्मी से त्राहिमाम कर रहे पश्चिमी उत्तर भारत लोगों  ने मानसून की आमद से निश्चित रूप से काफ़ी ...

टीकाकरण अभियान की सार्थकता को संदिग्ध करते ये विशिष्टजन

      कोरोना की पहली लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देश अमेरिका से गत 14 मई को ...

बंगाल चुनाव और ‘महिला सशक्तीकरण’ के दावे ?

                                                                                                                        वैसे तो देश के असम ,केरल,पुदुचेरी,तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल जैसे पांच राज्यों में ताज़ातरीन विधान सभा चुनाव संपन्न हुए। ...

सुविधा के लिए जनता पर शुल्क तो असुविधा के लिए सरकार पर जुर्माना क्यों नहीं ?

                                    सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों में जनता को जो भी सुविधाएँ मुहैया कराई जाती हैं कमोबेश प्रत्येक सुविधाओं ...