Author: डॉ. शशि तिवारी
लेखिका सूचना मंत्र पत्रिका की संपादक हेैं
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जनसेवा में पगार क्यों?
जो घर फूंक आपना चले हमारे संग कबीर की तरह फक्कड़ बनना होगा यदि सही मायने में समाज सेवा का ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
टूटता विश्वास
नकल असल जैसा, वैसा होने का एक और जहां भ्रम पैदा करता है वहीं दूसरी ओर अनुकरण न केवल गुलामी ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
आरक्षण क्यों और किसे
यूं तो भारत का संविधान जाति, धर्म, लिंग, भाषा के आधार पर किसी भी वर्ग में भेद नहीं करता। लेकिन ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
समय होत बलवान
समय की धार के आगे सब बेदम हैं सबके दय है फिर बात चाहे भगवान कृष्ण की हो या श्री ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
अधर्म युद्ध
इतिहास गवाह है इस पृथ्वी पर जितना रक्तपात धर्म क्षेत्र और धर्म के नाम पर हुआ हैं उतना अधर्म या ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
बाबाओं का मकड़जाल – लुटती जनता, टूटता विश्वास
भारत में जितने भी धर्मशास्त्र है सभी मानने पर कम एवं जानने पर ज्यादा जोर ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
ये कैसी मजबूरी-विश्लेषण
कभी जाति तो कभी धर्म, कभी भाषा तो कभी बाहरी की राजनीति के सियासत पर आई पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
वेद का ताप – एक विश्लेषण
यह लेख ना ही किसी का बचाव है और ना ही किसी का समर्थन करता है। यह लेख केवल बुद्धिजीवियों ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)
नियत में खोट, प्रतिष्ठा पर चोट
कहते है मन चंगा तो कठोती में गंगा’, लेकिन मन अत्यधिक चंचल होता है पल में हां और पल में ...![](http://www.bharatvarta.in/wp-content/themes/bv/img/no-image.png)