Author: डॉ. शशि तिवारी

जनसेवा में पगार क्यों?

जो घर फूंक आपना चले हमारे संग कबीर की तरह फक्कड़ बनना होगा यदि सही मायने में समाज सेवा का ...

टूटता विश्वास

नकल असल जैसा, वैसा होने का एक और जहां भ्रम पैदा करता है वहीं दूसरी ओर अनुकरण न केवल गुलामी ...

आरक्षण क्यों और किसे

यूं तो भारत का संविधान जाति, धर्म, लिंग, भाषा के आधार पर किसी भी वर्ग में भेद नहीं करता। लेकिन ...

समय होत बलवान

समय की धार के आगे सब बेदम हैं सबके दय है फिर बात चाहे भगवान कृष्ण की हो या श्री ...

अधर्म युद्ध

  इतिहास गवाह है इस पृथ्वी पर जितना रक्तपात धर्म क्षेत्र और धर्म के नाम पर हुआ हैं उतना अधर्म या ...

बाबाओं का मकड़जाल – लुटती जनता, टूटता विश्वास

            भारत में जितने भी धर्मशास्त्र है सभी मानने पर कम एवं जानने पर ज्यादा जोर ...

ये कैसी मजबूरी-विश्लेषण

कभी जाति तो कभी धर्म, कभी भाषा तो कभी बाहरी की राजनीति के सियासत पर आई पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ...

वेद का ताप – एक विश्लेषण

यह लेख ना ही किसी का बचाव है और ना ही किसी का समर्थन करता है। यह लेख केवल बुद्धिजीवियों ...

नियत में खोट, प्रतिष्ठा पर चोट

कहते है मन चंगा तो कठोती में गंगा’, लेकिन मन अत्यधिक चंचल होता है पल में हां और पल में ...

तहलका में मचा तहलका

भारत संतो, परंपरा एवं संस्कारों का देश है। जहाँ नारी को दुर्गा, शक्ति, माँ, बहिन, बेटी के रूपों में पूजने ...