Author: डॉ. शशि तिवारी

चरित्रहीन होती राजनीतिक पार्टियां

लेख को लिखने का आशय किसी का अपमान या छवि धूमिल करना नहीं है, बल्कि उनकी सोयी आत्मा को झकाझौरना ...

आरक्षण के इस खेल में कितना और गिरेंगे

पांचों राज्यों के चुनाव की मण्डी सज चुकी है सभी अपने माल को बढ़िया व दूसरे के माल को घटिया ...

दलित आरक्षण सवालों के कटघरे में

  हिन्दुस्तान का ताना-बाना प्रारंभ से ही विभिन्न जाति, धर्म, भाषाओं का रहा है। हम इतिहास के पन्नों को पलटे तो ...

सरदार पटेल की मेहनत बेकार जायेगी?

भारत की स्वतंत्रता के पहले भारत में लगभग 565 छोटी-छोटी रियासतें/सूबे अस्तित्व में थे, जिसके अपने फायदे कम नुकसान ज्यादा ...

ड्रैगन(चीन) के बढ़ते कदम

अविभाजित हिन्दुस्तान का कभी अभिन्न अंग रहा पाकिस्तान धर्म के आधार पर विभाजित हो कट्टरता के चलते आज स्वयं के ...

मिलावट के इस दौर में असली बचा न कोय

  व्यक्ति की पहचान पहले उसके नाम से बाद में उसके कार्यों से होती है। कार्यों के गुण-दोषों केे ही आधार ...

विशेषाधिकार क्यों और किसके लिए?

संत तुलसीदास ने कलयुग के बारे में जैसा बताया आज अक्षरशः वैसा ही घटित हो रहा है। मसलन गाल बजाने ...

दादागिरी: मनमानी करने की

जिस देश में भ्रष्टाचार को ले ऐतिहासिक आन्दोलन चल रहा हो, केन्द्र सरकार की भद्द पिट रही हो, केन्द्र के ...

          भ्रष्टाचार – मुझे कैसे भगाओगे

व्यंग्य-कड़वा सच   मानव शुरू से ही लालची रहा है। लालच एक स्वभाविक प्रक्रिया है। यह लालच कई सूक्ष्य रूपों में रहता ...

क्या हम दासता के बंधन से मुक्त हैं?

    आजादी एक जन्म के समान हैं। जब तक हम पूर्ण स्वतंत्र नहीं हैं तब तक हम दास हैं।- महात्मा गांधी   भारत ...