Author: निर्मल रानी

अंबाला की रहनेवाली निर्मल रानी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं, पिछले पंद्रह सालों से विभिन्न अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार के रूप में कार्य कर रही हैं ।

बड़ी चुनौती है नासूर बन चुके प्लास्टिक प्रयोग को नियंत्रित करना
पॉलीथिन और प्लास्टिक का दिनोंदिन बढ़ता जा रहा उपयोग इस समय पूरे देश और देशवासियों के लिये विकराल समस्या का ...
‘तपती धरती’ का जो ज़िम्मेदार,बचाव भी उसी से दरकार
मौसम विशेषज्ञों द्वारा ग्रीष्म ऋतू शुरू होने से पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गयी थी कि इस बार ...
……..शीतल जल से ही बुझेगी रेल यात्रियों की प्यास
हालांकि स्वतंत्रता दिवस आने में अभी तीन माह से भी अधिक समय बचा है परन्तु रेल मंत्रालय ने अभी से ...
वह करें तो तुष्टीकरण और यह करें तो सद्भाव ?
भारतीय जनता पार्टी के लोग हमेशा ही पिछली ग़ैर भाजपाई सरकारों पर अल्पसंख्यकों ख़ासकर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने का ...
सच छुपाने के यह ‘इश्तेहारी झूठ’
राष्ट्रीय स्तर पर चलाये जा रहे स्वच्छता मिशन पर केंद्र सरकार अब तक अरबों रूपये ख़र्च कर चुकी है। ...
चुनावोपरांत ही वरिष्ठ नागरिकों पर प्रहार ?
हमारे देश के राजनैतिक दल जब जनता के बीच जाते हैं उस समय तमाम लोक हितकारी बातें किया करते ...
‘ राष्ट्रभक्ति का पाठ ‘ क्या सिर्फ़ जनता के लिये ?
विगत पांच फ़रवरी को हैदराबाद के निकट संत रामानुजाचार्य की 216 फ़ुट ऊंची विशालकाय प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी' का ...
‘आधी आबादी’ को भी कुछ अपने लिये तय कर लेने दो
दुनिया में कहीं भी जब महिलाओं की स्वतंत्रता या उनके अधिकारों की चर्चा छिड़ती है उस समय दुनिया ...
चुनाव पूर्व ‘पी एम’ व ‘सी एम’ का चेहरा घोषित करना कितना उचित ?
भारतीय संविधान के अनुसार जो भी व्यक्ति चुनवोपरांत बहुमत प्राप्त संसदीय दल के सदस्यों द्वारा अपना नेता चुना जाता ...