राजनीति

नवाब की टोपी और गरीब की झोपड़ी से दूर है चुनावी लोकतंत्र

वोट डालने की खुशी से ज्यादा आक्रोश समाया है वोटरों में   इस चुनाव ने नेताओं को साख दे दी और वोटरों ...

मुस्लिमों की धड़कन तय करने वाले देवबंद का दर्द

जिस मुस्लिम आरक्षण को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में सियासत गर्म है। और आरक्षण पर मुस्लिम समुदाय से ...

आरक्षण के इस खेल में कितना और गिरेंगे

पांचों राज्यों के चुनाव की मण्डी सज चुकी है सभी अपने माल को बढ़िया व दूसरे के माल को घटिया ...

दलित आरक्षण सवालों के कटघरे में

  हिन्दुस्तान का ताना-बाना प्रारंभ से ही विभिन्न जाति, धर्म, भाषाओं का रहा है। हम इतिहास के पन्नों को पलटे तो ...

कैसे बिछी लोकपाल पर मठ्ठा डालने की सियासी बिसात

यह पहला मौका है जब सरकार ने किसी बिल को पेश करने से ज्यादा मशक्कत बिल पास न हो इस ...

देश नहीं, सत्ताधारियों की आजादी

पहली बार विदेशी निवेश पर घिरे 'मनमोहनोमिक्स' ने मौका दिया है कि अब बहस इस बात पर भी हो जाये ...

गुस्सा फूटेगा तो हाथ छूटेगा

बेतहाशा मंहगाई के इस दौर में जहां राजनीतिक अस्थिरता खुलकर सामने आ रही है वहीं आम-आदमी का गुस्सा भी अब ...

सरदार पटेल की मेहनत बेकार जायेगी?

भारत की स्वतंत्रता के पहले भारत में लगभग 565 छोटी-छोटी रियासतें/सूबे अस्तित्व में थे, जिसके अपने फायदे कम नुकसान ज्यादा ...

ड्रैगन(चीन) के बढ़ते कदम

अविभाजित हिन्दुस्तान का कभी अभिन्न अंग रहा पाकिस्तान धर्म के आधार पर विभाजित हो कट्टरता के चलते आज स्वयं के ...

मिलावट के इस दौर में असली बचा न कोय

  व्यक्ति की पहचान पहले उसके नाम से बाद में उसके कार्यों से होती है। कार्यों के गुण-दोषों केे ही आधार ...