गाँव की समस्या

मोदी के गुजरात भाषण का मूल सारांश

गुजरात के डीसा में अमूल की नई इकाईयों के शुभारंभ पर किसानो को दिए गये प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल ...

उचित नहीं धार्मिक विषयों का राजनीतिकरण

                हमारे देश में राजनेताओं द्वारा लोकलुभावन राजनीति किए जाने की शैली ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है ...

नोटबंदी का शीर्षासन

      नोटबंदी इसीलिए हुई ताकि कालाधन और भ्रष्टाचार समाप्त हो। इसके उद्देश्यों की जितनी प्रशंसा की जाए कम ...

काश ! मोदी जी के समाजवाद का सपना सच हो जाए

      देश के शहर दर शहर घूम लीजिये। बाजारों में चकाचौंध है। दुनिया भर के ब्रांडेड उत्पाद से ...

….लेकिन इसके खतरे भी जबर्दस्त हैं

      काले धन’ को निकलवाने के लिए सरकार ने बेहद साहसिक कदम उठाया है लेकिन इसके खतरे भी जबर्दस्त ...

     बड़े नोटों पर प्रतिबंध परंतु आटा 25 रुपये किलो?

                     भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों पांच सौ तथा एक हज़ार रुपये की नोट का प्रचलन बंद किए ...

सत्‍य सनातन धर्म (हिंदुत्‍व) किसी की बपौती नहीं

     सत्‍य सनातन धर्म (हिंदुत्‍व) किसी की बपौती नहीं, यह धर्म मानवता के हित में पूरे विश्‍व का है। ...

देश कोरे ‘‘वाद’’ या ‘‘वादों’’ से ही नहीं बनेगा

क्या राजनीति में सौहार्द एवं सद्भावना असंभव है? क्या विरोध की राजनीति के स्थान पर देश के विकास की राजनीति ...

अदालती फैसलों पर सवाल

संत जेल में, डॉन बाहर बिहार में लालू यादव के राज को जंगलराज बनाने वाला माफिया सरगना शहाबुद्दीन पटना हाई कोर्ट ...

बकर-ईद पर बधाई लेकिन…?

इस साल बकर-ईद के मौके पर मेरे मुसलमान मित्रों ने मुझे बधाईयां भेजीं। मैं भी दुनिया भर में बसे हुए ...