उप्र, मडि़याहूं। तहसील मडि़याहू, जिला जौनपुर में काम करने वाला रिश्वतखोर, भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि (RamSiromani) को बर्खास्त करने हेतु प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री से शिकायत किया गया है। ज्ञात हो कि गत सप्ताह सुधीर कुमार जायसवाल पुत्र श्री डॉ. रमाकांत गुप्ता, निवास : ग्रॉम/पोस्ट : परियत, जौनपुर ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर शिकायत किया है कि उपरोक्त भ्रष्ट लेखपाल को अविलंब बर्खास्त करने की मांग किया है, ज्ञात हो कि दिनांक 24/11/2020 को सुधीर कुमार ने माननीय उप्र के मुख्यमंत्री जी को जनसुवाई पोर्टल के माध्यम से एक पत्र लिखा था जिसकी शिकायत संख्या : 40019420064960 थी।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि महोदय, मैंने कानून के दायरे में रहते हुए एक प्रवेश द्वार अपने अहाते की पूर्व दिशा में जो पूरी तरह अपनी सीमा में चाहता हूं जो कि पूरी तरह से अविवादित है जिसे 21-04-2016 में परियत के लेखपाल ने अपनी आख्या में कहा था कि मौके पर निर्माणाधीन दीवाल प्रार्थिनी राजकुमारी की भूमि में पड़ता है और विपक्षी सुरेश चंद गुप्ता अपनी भूमि में निर्माण कर चुका है। उस रिपोर्ट के हिसाब से मैं अपने गेट का निर्माण पूरी तरह कानूनी रूप से वैध है जिस पर कोई स्टे आर्डर भी नहीं है।
आगे सुधीर कुमार जायसवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि ने अपने रिपोर्ट में मेरी वैध मांग को अवैध निर्माण कह रहा है जो कि विपक्षी भूमाफिया सुरेश चंद गुप्ता की भाषा बोल रहा है यानी कि यह रिश्वतखोर, भ्रष्ट लेखपाल विपक्षी सुरेश चंद्र गुप्ता से मिलकर मोटी रिश्वत ले चुका है। यानी लेखपाल सुधीर कुमार जो वैध निर्माण कार्य को अवैध निर्माण की बात कह रहा है जो गले से नीचे नहीं उतर रही है यानी कि वह अपने ही पूर्व अधिकारी के काम पर उंगली उठा रहा है।
आगे सुधीर जायसवाल के अनुसार अविवादित भूमि मे प्रवेश द्वार की बात कही है जबकि भ्रष्ट लेखपाल रामशिरोमणि हमें न्यायालय में वाद दायर करने को कह रहा है, जबकि विवादित रास्ते पर वे कोई निर्माण कार्य कर ही नहीं कह रहे हैं।
सुधीर जायसवाल ने अपनी बातचीत में कहा कि एक अधिकारी का काम अपने काम को सही ढंग से करना है, निष्पक्ष होकर अपनी रिपोर्ट लगाना है न कि यह कहना कि जनता न्यायालय में वाद जाके दायर करे। जनता सब काम न्यायालय से करेगी तो अधिकारी किस काम के लिए सरकार हर महीने पैसा देती है।
आगे सुधीर कुमार ने अपने पत्र में यह मांग की है कि महोदय, मैं आपसे अविलंब यह मांग करता हूं कि इस भ्रष्ट लेखपाल को अविलंब बर्खास्त कर दिया जाए वर्ना ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण अच्छे अधिकारी भी संकट में पड़ जाते हैं। ऐसे रिश्वत लेने वाले अधिकारियों को ऐसी सजा मिले कि आने वाले अधिकारियों के लिए एक अनुपम उदाहरण बन सके।