Author: निरंजन परिहार

रवीश के बहाने उधड़ती पत्रकारीय परंपरा की बखिया
सबसे पहले तो यह घोषणा कि रवीश कुमार के प्रति जितना प्रेम आपके मन में है उससे कुछ ज्यादा ही ...
जैन एकता का विराट नजारा
एक लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए रथयात्रा में फडणवीस ने अद्भुत बताया, तो लोढ़ा ने आयोजकों की सेवा भावना ...
‘रामलला हम आएंगे’ कहा था, लेकिन घर बैठने को मजबूर !
अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर शिलान्यास रामजन्म भूमि मंदिर के शिलान्यास के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां पूरी हो ...
आप माउंट आबू फिर आएंगे न अटलजी !
अटल बिहारी वाजपेयी पहाड़ों की खूबसूरती के कायल थे। हिल स्टेशनों की छटा उन्हें खूब आकर्षित करती थी। यही कारण ...
कांग्रेस ऐसे तो कैसे जीत पाएगी राजस्थान ?
राजस्थान में राहुल गांधी ही कांग्रेस के दूल्हा होंगे। मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस ने कोई चेहरा आगे नहीं किया है। ...
कहीं अपने होने का अर्थ ही न खो दें राहुल गांधी !
समय आ गया है जब राहुल गांधी कांग्रेस की समान संभाल लें। लेकिन राहुल हैं कि पता नहीं किस दिन ...
‘न्यू इंडिया’ के लिए राष्ट्रपति कौन… ये, वो या फिर कोई और ?
राजनीति की रपटीली राहों पर राष्ट्रपति चुनाव की बिसात बिछनी शुरू हो गई है। पांच राज्यों में चुनाव हो गए। ...
जिन्ना हाउस ध्वस्त होना ही चाहिए, आखिर भारत के विभाजन की निशानी है
पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के टुकड़े करने के लिए जिस जगह का उपय़ोग किया, वह जिन्ना ...
प्रशांत किशोर की उस्तादी खतरे में, धंधा बंद होने की कगार पर
देश के राजनीतिक पटल पर चुनाव प्रबंधन के उस्ताद के रूप में अचानक प्रकट हुए प्रशांत किशोर की उस्तादी खतरे ...