Author: डॉ0 वेद प्रताप वैदिक

डॉ. वेदप्रताप वैदिक
डॉ.. वेदप्रताप वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय अग्रदूतों में होती है, जिन्होंने हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष और त्याग किया।
डॉ. वेदप्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को पौष की पूर्णिमा पर इंदौर में हुआ। वे रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत के भी जानकार हैं। उन्होंने अपनी पीएच.डी. के शोधकार्य के दौरान न्यूयार्क की कोलंबिया युनिवर्सिटी, मास्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल आॅफ ओरिंयटल एंड एफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

जिन्ना तो सिर्फ मिस्टर जिन्ना थे
क्या यह जरूरी है कि मोहम्मद अली जिन्ना को हम देवता मानें या दानव ! देव और दानव के परे ...
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इस्तीफा तो वापस हो गया लेकिन तीर वापस नहीं हुआ| जिन्ना का तीर संघ के सीने में गहरा घुसा हुआ ...
आडवाणी के तूफान का अर्थ
श्री लालकृष्ण आडवाणी का इस्तीफा मंजूर हो या न हो, रातोंरात उनकी छवि में चार चांद लग गए हैं| पाकिस्तान ...
भारत-इस्राइल मैत्री में छिपी नई विश्व राजनीति
इस्राइल के प्रधानमंत्री एरियल शेरोन की भारत-यात्रा में यहॉं तो कोई विघ्न नहीं हुआ लेकिन वह निर्विध्न भी नहीं रह ...
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यारों का यार किसे कहते हैं, यह कोई समझना चाहे तो वह बलरामजी को देखे। आप बलरामजी से दोस्ती कीजिए ...
बोफोर्स : सौदे को भूलें और तोपों को याद करें
भाजपा के ‘इंडिया शाइनिंग’ (चमकता भारत) नारे के मुकाबले कॉंग्रेस को अब ‘राजीव शाइनिंग’ (चमकते राजीव) नारा हाथ आ गया ...
पाकिस्तान में नया धमाका
बम के धमाके से बड़ा है, उसकी चोरी का धमाका ! पाकिस्तान का परमाणु-बम अभी चोरी नहीं हुआ है लेकिन ...
इस्लामी एकता का प्रहसन
इस्लामी सम्मेलन संगठन (ओ आई सी) में 57 राष्ट्र हैं| 57 राष्ट्र जिस अन्तरराष्ट्रीय संगठन के सदस्य हों, वह क्या ...