दोनों खुश तो अब झगड़ा कैसा?

हमारी सरकार जिसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (शल्य-चिकित्सा) कह रही है, उसका असर क्या हुआ? पहले बारामूला के हमारे सैन्य-शिविर में आतंकवादी घुस गए और पुंछ में भी सीमा-पार से गोलीबारी जारी रही। हमारी सरकार ने दावा किया था कि पिछले हफ्ते हमने 38 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया और उसके सात ‘लांच-पेडों’ को ढहा दिया। आश्चर्य है कि इस जवाबी कार्रवाई के बावजूद पाकिस्तान को यह डर क्यों नहीं लगा कि यदि वह उड़ी-जैसा किस्सा फिर दोहरा देगा तो भारत जबर्दस्त हमला बोल देगा? पाकिस्तान ने कल-परसों बारामूला और पुंछ में हमला बोलकर हमारी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को बेअसर साबित कर दिया है।

उसने यह संदेश दिया है कि उसके क्षेत्र में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी कोई चीज हुई ही नहीं है। ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर जो राष्ट्रवादी लोग बेहद खुश थे और 56 इंच के साीनेवाली मोदी सरकार में 100 इंच का सीना देखने लगे थे, वे पाकिस्तान के इस दुस्साहस को देखकर अचम्भे में पड़ गए हैं। वे भी चाह रहे हैं कि हमारी सरकार सारी दुनिया को बताए कि उसने पठानकोट और उड़ी का बदला कैसे लिया है? पता नहीं क्यों, हमारी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी मारे हुए है। उसके ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ याने शल्य-चिकित्सा पर पूरा देश भरोसा कर रहा है। सारी दुनिया भरोसा कर रही है और उसका समर्थन कर रही है लेकिन उसकी चुप्पी ने शंकाओं का बाजार गर्म कर दिया है।

वह शायद इसलिए चुप्पी साधे हुए है कि यदि अपनी फौजी सर्जरी की फिल्में उसने जारी कर दीं तो कहीं पाकिस्तान में उथल-पुथल न मच जाए। फौजी तख्ता-पलट न हो जाए। उसे यह शंका भी हो सकती है कि यदि भारत ने प्रमाण दिखा दिए तो पाकिस्तान को अपनी नाक बचाने के लिए भारत पर जवाबी और भारी हमले करने के लिए कहीं मजबूर न होना पड़े। हो सकता है कि भारत सारे मामले को अब ठंडे बस्ते में डाल देना चाहता हो। पाकिस्तान भी शायद यही चाहता है। इसीलिए उसने विदेशी पत्रकारों और संयुक्तराष्ट्र पर्यवेक्षकों को नियंत्रण-रेखा पर ले जाकर कहलवा दिया कि भारत ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यदि ऐसा है तो यह भी अच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कह दिया है कि भारत न तो किसी पर हमला करना चाहता है और न ही किसी देश की जमीन चाहता है। यदि सचमुच ऐसा है तो दोनों सरकारों ने अपनी-अपनी जनता को खुश कर दिया है। तो अब झगड़ा कैसा? अब तनाव और खिंचाव क्यों? क्या अब झगड़े की नौटंकी बंद करने का समय नहीं आ गया है?