चन्द्रयान ने भारत विरोधियों व विधर्मियों को दिखाया आईना

कांग्रेस राज में अंतरिक्ष वैज्ञानिको को भेजा जाता था जेल

 

      आचार्य विष्णु हरि सरस्वती

 

चन्द्रयान तीन की सफलता के साथ ही साथ पाकिस्तान और चीन के मुंह पर ताले लग गये, उनकी हसी विध्वंस हो गयी, देश के टूकडे-टूकडे गिरोह की मंसूबे फिर गये, भारत की उपलब्धियों को कम आंकने वाले और विरोध करने वालों के चेहरे मूरझा गये, ब्रेक्रिंग इंडिया के ख्वाब रखने वाले समूह पर बज्रपात हो गया। मैंकिंग इंडिया का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण को दुनिया ने देखा और चकित भी हुआ। अब हमारा अंतरिक्ष कार्यकर्म दुनिया के सिर पर चढ कर बोलेगा। देश के शत्रुओं को सबक सिखाने में चन्द्रयान की भूमिका सर्वश्रेष्ठ होगी।

           चन्द्रयान टू की विफलता की खुशी विधर्मियों ने खूब मनायी थी, टूकडे-टूकडे गिरोह ने खूब नाची थी। अमेरिका और यूरोप ने भी राहत की सांस ली थी। देश के ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के विधर्मी भी हंसी उडाने में साथ-साथ थे। तब पाकिस्तान के तत्कालीन विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि जो काम नहीं आता उसमें पंगा लेने का नहीं, नालायकों ने 900 करोड़ बर्बाद कर दिये। पाकिस्तान सेना के तत्कालीन प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा था कि चन्द्रयान टू को विफल कर अल्ला ने हिन्दुओं के मुंह पर तमाचा मारा है, भारत ने हमारे मुस्लिमों को कैद कर रखा है, उसी की सजा मिली है।

       कांग्रेस के राज में इसरो के वैज्ञानिकों के साथ क्या-क्या होता था, यह भी जान लीजिये। इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक नंबी नारायण को गलत और साजिश के तहत फंसाया गया, उन्हें जेल भेजा गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट से बरी हुए और यह साबित हुआ कि कांग्रेस के राज में उन्हें गलत ढंग से फंसाया गया, ताकि भारत की टैक्नोलॉजी विकास और अंतरिक्ष की योजनाए सफल नहीं हो सके। पाकिस्तान की आईएसआई और अमेरिका तथा चीन के जासूसों ने जाल बिछाया था और तथ्यारोपण किया था। पाकिस्तान, चीन की भूमिका बहुत ही खतरनाक थी। पाकिस्तान और चीन किसी भी परिस्थिति में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को कुचलना चाहते थे। नम्बी नारायण की गिरफ्तारी के साथ ही साथ चीन और पाकिस्तान की साजिश और करतूत कामयाब हुई थी। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम सालों पीछे चला गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर डाल कर इस प्रसंग में कोई भी ज्ञानर्जन कर सकता है और कांग्रेस राज में वैज्ञानिकों और देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने की करतूत से अवगत हो सकता है।

चन्द्रयान तीन की सफलता ने हमें गर्व भरे क्षण उपलब्ध कराये हैंं। इस गर्व के क्षण को सभी भारतीयों को महसूस करना चाहिए। विखंडनकारी शक्तियां राष्टभक्ति के सामने पराजित ही होती हैं। चन्द्रयान तीन ने भारत विरोधियों को आईना दिखाया है। दुनिया की कोई हिंसक और अराजक शक्ति अब भारत को आंख नहीं दिखा सकता है। अब दुनिया को भारत की बढ़ती हुई अंतरिक्ष शक्ति और विश्व गुरू की भूमिका को स्वीकार करना ही होगा।