जीवन दर्शन
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विभिन्न धर्मों में माँ का अस्तित्व
मातृ दिवस पर विशेष दुनिया के सभी मज़हबों में माँ को बहुत अहमियत दी गई है, क्योंकि माँ के दम से ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2024/02/KripalJi1.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
अध्यात्म के सिरमौर थे संत कृपाल सिंह जी महाराज
संत कृपाल सिंह जी महाराज के जन्म दिन पर विशेष भारत माता के गगनांचल रूपी ऑंचल में ऐसे-ऐसे नक्षत्र ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2024/03/Ram.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
निर्विवादित होनी चाहिये ‘मर्यादा पुरषोत्तम’ की प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी की मूर्ति की बहु प्रतीक्षित प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2022/12/HumanityManavata.gif?resize=150%2C150&ssl=1)
मनुष्य को मानवता का धर्म कभी नहीं छोड़ना चाहिए
"बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा", राम चरितमानस की ये लाइन तुलसी दास ने यूं ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2021/10/RamRajya.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
दुनिया के मात्र 13 प्रतिशत लोग ही ब्रह्म मुहूर्त में….
अरूण गोविल रामचरित मानस में कहा गया है कि दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ मतलब राम ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2019/10/GandhiDarshan.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
गाँधी दर्शन और भाषा समस्या
विचारों की परिपक्वता, विस्तार का आभामंडल, सत्य के लिए संघर्ष, सत्य कहने के कारण नकारे जाने का भी जहाँ भय ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2019/06/BuddhaPic.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
मानव जीवन का मूल्य क्या है ?
मानव जीवन सुख-दुःख, सफलता और असफलता का एक चक्र है। जीवन-चक्र में कभी-कभी अच्छे कार्य करने के बाबजूद लगातार असफलता ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2017/08/Lord-Krishna-from-Vrindavan.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
भगवान श्रीकृष्ण सच्चे अर्थों में लोकनायक हैं
भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2016/05/maa-kissing.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
मां, तुझे सलाम…
क़दमों को मां के इश्क़ ने सर पे उठा लिया साअत सईद दोश पे फ़िरदौस आ गई... ईश्वर ने जब कायनात की ...![](https://i0.wp.com/www.bharatvarta.in/wp-content/uploads/2017/04/hanuman-jayanti.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)