जीवन दर्शन

मनुष्य को मानवता का धर्म कभी नहीं छोड़ना चाहिए

   "बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा", राम चरितमानस  की ये लाइन तुलसी दास ने यूं ...

दुनिया के मात्र 13 प्रतिशत लोग ही ब्रह्म मुहूर्त में….

अरूण गोविल रामचरित मानस में कहा गया है कि दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ मतलब राम ...

गाँधी दर्शन और भाषा समस्या

विचारों की परिपक्वता, विस्तार का आभामंडल, सत्य के लिए संघर्ष, सत्य कहने के कारण नकारे जाने का भी जहाँ भय ...

मानव जीवन का मूल्य क्या है ?

मानव जीवन सुख-दुःख, सफलता और असफलता का एक चक्र है। जीवन-चक्र में कभी-कभी अच्छे कार्य करने के बाबजूद लगातार असफलता ...

भगवान श्रीकृष्ण सच्चे अर्थों में लोकनायक हैं 

भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से ...

मां, तुझे सलाम…

क़दमों को मां के इश्क़ ने सर पे उठा लिया साअत सईद दोश पे फ़िरदौस आ गई...   ईश्वर ने जब कायनात की ...

मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता हैं हनुमान 

भगवान हनुमानजी को हिन्दू देवताओं में सबसे शक्तिशाली माना गया है, वे रामायण जैसे महाग्रंथ के सह पात्र थे। वे भगवान ...

सत्‍य सनातन धर्म (हिंदुत्‍व) किसी की बपौती नहीं

     सत्‍य सनातन धर्म (हिंदुत्‍व) किसी की बपौती नहीं, यह धर्म मानवता के हित में पूरे विश्‍व का है। ...

मुरारी बापू का जादू मुसलमानों के सिर चढ़ा

भारत की राजनीति के शीर्ष व्यक्तित्व श्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह दुनियाभर में भारत को एक नई पहचान देने के ...

रावण के पतन का मूल सीता हरण, सीता हरण की मूल वजह क्या है?

कथा का तानाबाना तुलसी ने कुछ ऐसा बुना की रावण रावण बन गया। मानस मध्ययुग की रचना है। हर युग ...