देश की समस्या

असामान्य होती स्थितियों का गंभीर चुनौती बनना
हर देश की राजनीति समाज का आईना होती है। पिछले तीन वर्षों से हमारे यहां राजनीतिक स्तर पर जो कुछ ...
आपातकाल: इंदिरा के अत्याचार से जनता की रूह कांप गई थी
1975 की तपती गर्मी के दौरान अचानक भारतीय राजनीति में भी बेचैनी दिखी. यह सब हुआ इलाहाबाद हाई कोर्ट के ...
धर्मग्रंथ बड़ा है कि राष्ट्रग्रंथ ?
तीन तलाक के बारे में हमारे सर्वोच्च न्यायालय ने अभी जो शुरुआती विचार रखा है, उसी पर देश के विचारकों ...
बड़ी अदालत में बड़ा अन्याय
भारत की अदालतें जादू-टोना घर बनी हुई हैं। भारत-जैसे पूर्व गुलाम देशों की यही दुर्दशा है। अंग्रेजों की बनाई (अ) ...
सुकमा की शहादत का मुंहतोड़ जबाव हो
छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में नक्सलवादियों ने 26 सीआरपीएफ जवानों की नृशंस हत्या करके करोड़ों देशवासियों को आहत किया ...
‘नोटबंदी’ के बाद ‘बत्ती बंदी’ यानी बड़ा फैसला…
इसे कहते हैं निर्णय लेना और उसे अमल में लाना..जी हाँ, केन्द्र में आसीन मोदी सरकार ने सरकारी तंत्र की ...
पत्थरफेंकुओं पर गज़ब की पहल
इन हताश और निराश नेताओं से मुझे तो यह उम्मीद थी कि वे फौज की इस जबरदस्त पहल की तारीफ ...
यह हमारी मातृभूमि है रैनबसेरा या सराय नहीं
- डॉ. दीपक आचार्य यह देश हमारा है। न यह धर्मशाला है और न ही रैनबसेरा। न अजायबघर-चिड़ियाघर है, न मौज-मस्ती ...
भोजन की बर्बादी एक त्रासदी है
हर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संवेदनशील एवं सामाजिक हो जाते हैं। देश की जनता से ‘मन की बात’ करते ...