Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

प्रभाष जोशी की जयंती के अवसर पर पत्रकारिता के संदर्भ में के.एन.गोविंदाचार्य से बातचीत
15 जुलाई : प्रभाष जोशी की जयंती बाबरी मस्जिद गिरी तो संघ से प्रभाष जोशी का भरोसा टूटा पुण्य प्रसून- प्रभाषजी जिस ...
“टाइम” ने किसको आईना दिखाया
टाइम पत्रिका ने मनमोहन सिंह को फेल कर दिया और नरेन्द्र मोदी को पास। बतौर इक्नामिस्ट मनमोहन सिंह को फेल ...
प्रणव में ऐसा क्या है ?
हालांकि यह तय है कि देश के अगले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी होगें । लेकिन प्रणव मुखर्जी में ऐसा क्या है ...
संघ की चौसर पर नीतीश का वार ही है मोदी का हथियार
जनसंघ के दौर में आडवाणी की तुलना में अटल बिहारी वाजपेयी कहीं ज्यादा कट्टर संघी थे। और वाजपेयी की इसी ...
राष्ट्रपति चुनाव की राजनीति ने सोनिया को पढ़ाया राजनीति का नया पाठ
तो क्या सोनिया गांधी बदल गई हैं? प्रणव मुखर्जी को राषट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये जाने का जिस तरह खुद ...
अमेरिकी दादागिरी को पहली बार खुली चुनौती दी ‘ब्रिक्स’ ने
अगर आधी दुनिया समेटे पांच देश अमेरिका की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ खड़े हो जाये तो दुनिया के नक्शे पर ...
राज्यसभा बिकाऊ क्यों है
झारखंड में बीजेपी की आत्मा जागी और उसने तय किया कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त को देखते हुये ...
बदलने लगी संघ की चाल और बीजेपी का चेहरा
आरएसएस ने पहली बार राजनीतिक तौर पर सक्रिय रहे स्वयसेवकों को संगठन के भीतर जगह दी है, तो बीजेपी पहली ...
आरएसएस की नाक तले जिन्ना से आगे की बिसात बिछा दी गडकरी ने
संघ की राजनीतिक बिसात पर मुस्लिम लीग भी या तो राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ ने खुद को बदल लिया है या फिर ...