Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का खोखलापन

राहुल से लेकर मोदी तक से सपने बुनने का मतलब   राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी अलग दिखायी दे सकते हैं। मनमोहन ...

जेहाद और जिन्दगी को पिरोती विश्वरुप

सिल्वर स्क्रिन पर कथक करते कमल हासन.... और सिल्वर स्क्रिन पर ही बारुद में समाया आंतक । यही दो दृश्य ...

इस चुनावी जीत को क्या नाम दें

भ्रष्टाचार, महंगाई, घोटाले, कालाधन से लेकर कारपोरेट, नौकरशाही और सत्ताधारियों के नैक्सस और इन सब के बीच कभी कोलगेट तो ...

भाजपा का संकट

एफडीआई ही नहीं हर उस मुद्दे पर संसद के भीतर भाजपा अकेले पड़ी है, जिस मुद्दे पर मनमोहन सरकार पर ...

क्योंकि देश गुस्से में है…

बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बैचेनी परेशानी से जुझते हुये है। खास लोगों की बैचेनी सत्ता सुख ...

जेपी वीपी तक के जनप्रयोग को बदल दिया मनमोहन ने

एक बार फिर आंकड़ों के सियासी खेल में राजनीतिक दलों की साख दांव पर है। भारतीय राजनीति के इतिहास में ...

आवंटन के बाद लूट का खेल

मोटा माल तो चंदन बसु ने भी बनाया कोयला मंत्रालय के दस्तावेजों में 58 कोयला ब्लाक कटघरे में हैं। इनमें 35 ...

कोयलागेट से गहरी हो चली है राजनीतिक सत्ता की काली सुरंग

कोयला खादान को औने पौने दाम में बांटकर राजस्व को चूना लगाने के आंकड़े तो हर किसी के सामने हैं। ...

कोयला खदान के लाइसेंस बांटने में किसके हाथ हैं काले

बापू कुटिया से लेकर टाइगर प्रोजेक्ट तक की जमीन तले कोयला खादान   इंदिरा गांधी ने 1973 में कोयला खदानों का ऱाष्ट्रीयकरण ...

नजर लागी राजा 2014 पर

2014 तक राजनीतिक विकल्प का सपना संजोये अन्ना हजारे के पहले ही कदम से अन्ना टीम सकते में है। यूपीए ...