आशु परिहार को तालिबानियों से बचाने में डॉ0 राय सबसे आगे

आशु परिहार को तालिबानियों से बचाने हिन्‍दू महासभा लोकतांत्रिक पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ0 संतोष राय सबसे आगे खुलकर मैदान में आ गए हैं। ज्ञात हो कि आशु परिहार नामक एक युवा कवियित्री लड़की को पश्चिम बंगाल के दंगों में हिंदुओं की हो रही हत्‍या और आतातायियों के खिलाफ सोशल मीडिया  पर अपने हृदय की व्‍यथा कहना घोर  अपराध हो गया। तालिबानी जेहादी और पुलिस उसके पीछे पड़  गयी। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र  सहित कई राज्यों में उसके खिलाफ मुकदमें दर्ज करा दिये गये। महाराष्ट्र  की पुलिस आशु परिहार को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली आ गयी और आशु परिहार को गिरफ्तार भी कर ली थी पर डा संतोष राय व वरिष्‍ठ पत्रकार विष्‍णु गुप्‍त ने किसी तरह उस लड़की को पुलिस हिरासत से छुड़वाया है।

आशु परिहार के खिलाफ फतवों की बाढ़ सी आ गयी है। आतातायी जेहादी आशु परिहार के जान के पीछे पड़ गये हैं। आशु की जान की रक्षा करना एक बड़ी चुनौती है। आशु परिहार पर तालिबानी जेहादी कहर के खिलाफ मीडिया पूरी तरह मौन साध लिया है। अगर यही आशु परिहार जेहादी आतातायी वर्ग से जुड़ी  होती तो ऐसी तालिबानी हमले के खिलाफ देश भर में आग लग जाती और मीडिया गला फाड़-फाड़  कर चिल्लाता। आज देश के लोगों के समर्थन की आशू को आवश्‍यकता है ताकि आशु परिहार की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये और उसे बेमतलब के कानूनी हमलों से बाहर निकाला जा सके।

ज्ञात हो दिल्ली के थाना अध्यक्ष ने हिन्‍दू महासभा लोकतांत्रिक पार्टी के अध्‍यक्ष डॉ0 संतोष राय से कहा की मुझे अपने थाने और पुलिस कर्मियों के सुरक्षा की चिंता है। आशू परिहार के जिस विडियो में अपनी भावना व्‍यक्‍त किया है उस पर विशेष शांति प्रिय समुदाय के लोगों ने कहा की यह उनके नबी एवं उनके मजहब का अपमान है फिर जावेद कुरैशी नाम के एक अतिवादी ने आशु परिहार के विरुद्ध पुलिस स्टेशन गणेश पेठ-नागपुर में शिकायत दर्ज कराई फिर नागपुर पुलिस का एक दस्ता खजुरी ख़ास दिल्ली में आशु परिहार को गिरफ्तार करने पंहुच गया और आशु परिहार को स्थानीय पुलिस थाने लाया गया तो उसे नागपुर ले जाने के लिए जो संवैधानिक कार्यवाही होती है उसे पूरा करने में लग गये। लेकिन कुछ राष्ट्रवादियों के इकठ्ठा होने पर दिल्ली पुलिस दबाब में आ गई और चूँकि दूसरे राज्य का मामला हो तो दस्तावेज या तो हिंदी में हों या अंग्रेजी में अनुवादित हों वो भी प्रमाणिक अनुवादक द्वारा किंतु  महाराष्ट्र पुलिस ऐसा कर न सकी, इसलिए वे आशू को ले जाने में सफल नहीं हो सके।

   लोकतांत्रिक हिन्‍दू महासभा के अध्‍यक्ष डॉ0 संतोष राय  उपरोक्‍त  मामले में जब थाना अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने बहुत विस्मित करने वाली बात कही, ''मुझे चिंता अपने थाने और अपने पुलिस कर्मियों के सुरक्षा की है''। डॉ0 संतोष राय ने अविलंब कैसे, तो माननीय थाना अध्यक्ष ने कहा कि  ''दिल्ली का यह क्षेत्र अत्‍यंत संवेदनशील  है और लड़की को कैसे सुरक्षित रखा जाय यह अपने बस में नही है।''   ऐसा उत्तर सुनकर डॉ0 संतोष राय  अवाक रह गये कि यह देश की राष्ट्रीय राजधानी है या सीरिया-ईराक या पाकिस्तान ?  जब दिल्ली पुलिस का यह उत्तर है तो पूरे देश का क्या हाल होगा ? आशु परिहार के विरुद्ध पूरे देश में अलग-अलग जगह थानों में शिकायत की जा रही है साथ ही साथ उसको जान से मारने की धमकी तो कोई उसके विरुद्ध मजहबी फतवा दे रहा है कि  ''मार डालो इस लड़की को''।

हिन्दुओं के विरुद्ध ऐसा षडयंत्र और हिन्दुओं को डर के साये में जीना पड़े तो धिक्कार है जब हिंदू समाज पर कि अपनी ही सुरक्षा न कर सके। जब पश्चिम बंगाल में विशेष समुदाय के लोग माता दुर्गा की प्रतिमा को तोड़ डालें तो उनके खिलाफ कुछ नहीं, जब भारत माता को एक जेहादी द्वारा डायन कहा जाता है तो सारे सेकुलर नेताओं के मुंह सिल जाते हैं। अतिशीघ्र इस तालिबानी हरकत को नहीं रोका गया तो देश को सीरिया, इराक, अफगानिस्‍तान, पाकिसतान बनने से कोई नहीं रोक सकता।