जौनपुर (उप्र) के इस पुलिस अधिकारी ने पीड़िता के पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया

रविन्द्र कुमार द्विवेदी की कलम से
 

न्याय के लिए दर-दर ठोकर खाने पर मजबूर परियत (जौनपुर , उप्र) की पीड़िता

पूर्व बरसठी (जौनपुर ,उप्र) थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम ने परियत निवासिनी के  घर में घुसकर उसकी साड़ी खींच कर निर्वस्त्र कर दिया था ऐसा आरोप उसने कोर्ट में शपथ पत्र लिखकर दिया है

बरसठी थाना के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) ने पीड़िता के पति का पूरा व्यवशाय को चौपट करवा दिया

परियत (जौनपुर, उप्र) । न्याय के लिए दर-दर ठोकरे खा रही ग्रॉम परियत की पीड़िता। ज्ञात हो कि शिवानी (काल्पनिक नाम) ग्रॉम परियत, जिला : जौनपुर, पिनकोड: 222162, उप्र की निवासिनी  है। ज्ञात हो कि तत्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) अपने साथी सिपाहियों के साथ पीड़ित के घर में बलपूर्वक घुसकर गत वर्ष होली के दिन उसके पति की बेरहमी से पिटाई की, उसकी साड़ी पकड़कर खींचा जिससे  पीड़िता पूरी तरह बेपर्दा हो गई, बरसठी थाना का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम ने पीड़िता के बेटियों को बेज्जती करने के लिए ललकारा ऐसा परियत निवासिनी पीड़िता ने जौनपुर कोर्ट में शपथ पत्र में लिखकर दिया है। सनद रहे कि उपरोक्त घटना पिछले साल  18/03/2022 को होली के दिन हुआ था। पुलिस ने उसके घर में घुसकर उसके पति को बेरहमी से मारा था क्योंकि उसके पति ने 112 नंबर पर अवैध बूचड़खाना चलने की शिकायत किया था और बीच में पीड़िता हैवान थानाध्यक्ष से अपने पति को बचाने के लिए लड़ पड़ी तो तात्कालीन थानाध्यक्ष ने पीड़िता की साड़ी खींचकर उसने निर्वस्त्र कर दिया,ऐसा उसका कोर्ट में शपथ पत्र भर कर आरोप लगाया  है। सनद हो कि पीड़िता के पति लगभग 30 वर्ष से  राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ से जुड़े हैं और द्वितीय वर्ग प्रशिक्षित हैं। और, उस दौरान रहे पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467), तहसील मडियाहूं, जिला : जौनपुर, उप्र के के दबाव में  हे0का0 जगनारायण सिंह, थाना बरसठी, जिला : जौनपुर, उप्र व पूर्व  सीओ संत प्रसाद उपाध्या, मड़ियाहूं द्वारा जो रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक व मुख्यमंत्री को देते हैं वो पूरा का पूरा रिपोर्ट ही गलत ढंग से बनाके दिया है एवं पूरी तरह पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष व दोषी पुलिसकर्मियों का रिपोर्ट में बचाव किया गया है।

उस समय, जिला जौनपुर, ग्रॉम परियत निवासिनी पीड़िता ने दिनांक : 23-03-2022 को प्रधानमंत्री से शिकायत किया था किंतु तत्कालीन क्षेत्राधिकारी मडि़याहूं, जौनपुर उप्र ने गलत रिपोर्ट बनाकर प्रधानमंत्री कार्यालय को गुमराह किया है परिणाम स्वरूप उसे  अभी तक न्याय नहीं मिला ऐसा परियत निवासिनी पीड़िता ने अपने प्रधानमंत्री को दिये पत्र में उस समय कहा था।

 पूर्व क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं संत प्रसाद उपाध्याय द्वारा 19 मई, 2022 को जो रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को देते हैं वो पूरा का पूरा रिपोर्ट ही गलत व पक्षपातपूर्ण ढंग से बनाया है, जो सच्चाई से कोसों दूर हैं, ये रिपोर्ट पीड़िता के दु:खों को और बढ़ा देने वाले हैं।

    और तो और पीड़िता द्वारा किया शिकायत का संदर्भ संख्या : 92219400013784 देख रही थी जिसमें – दिनांक 22-05-2022 को फीडबैक में लिखा था कि:- शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है की अधिकारी द्वारा दिए गए समाधान से संतुष्ट है अत: शिकायत बंद कर दिया जाये, जबकि ऐसा पीड़िता ने कभी नहीं कहा था। पीड़िता के घर के पास एक बूचड़खाना जो चल रहा था, बवाल बढ़ती देख बरसठी पुलिस द्वारा रातों रात उसे गायब कर दिया गया तो पीड़िता के पति ने कहा  कि बूचड़खाना बंद कर दिया गया है किंतु मैं समाधान से संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि बूचड़खाना चलवाने वाले भ्रष्ट थानाध्यक्ष राम सरीख के विरूद‌्ध कोई कार्यवाई नहीं किया गया, तत्कालीन भ्रष्टाचारी थानाध्यक्ष ने घर में घुसकर पीड़िता, उसके पति और बेटी के साथ जो हैवानियत किया उसकी सजा उसे नहीं मिली, इसलिए संतुष्ट होने का तो कोई प्रश्न ही नहीं उठता हमारा परिवार बिलकुल असंतुष्ट है। इसलिए जनसुनवाई पोर्टल दिनांक 22-05-2022 को फीडबैक:- में उन्हे सुनने व समझने में कोई दिक्कत हो गई होगी इसलिए उसमें संतुष्ट लिख दिया है, जो कि गलत है।

पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम के उपर घर में घुसकर हमला करने का आरोप और वही रिपोर्ट बनवा रहे हैं तो ऐसे में कैसे न्याय हो सकता है

जिला जौनपुर ग्रॉम परियत निवासिनी ने उप्र मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर दिये अपनी रिपोर्ट में हे0का0 जगनारायण सिंह बता रहे हैं कि 112 नंबर पर उसके पति ने काल कर सूचना दिया गया कि अवैध बूचड़खाना चल रहा है जबकि वहां जाकर देखा कोई बूचड़खाना नहीं चल रहा था, यानी कि उसके पति ने झूठी सूचना दिया।  ज्ञात हो कि ग्रॉम परियत की पीड़िता के पति ने अवैध बूचड़खाना की शिकायत किया और उस पीड़िता के पति ने अपने मोबाइल से फोटो भी खींचा था:

.                                                                    अवैध बूचड़खाना जिससे पुलिस अवैध वसूली करती थी लेकिन
.                                                                    इसे बरसठी थाना, सीओ कार्यालय मड़ियाहूं, तहसील मड़ियाहूं
.                                                                    आदि के अधिकारी पूरी तरह नकार रहे हैं किंतु मामला बढ़ने
.                                                                     पर तत्काली एसएचओ राम सरीख ने रातों-रात हटवा दिया

 

ज्ञात हो कि अवैध बूचड़खाना चलने की  शिकायत पीड़िता के पति ने  दिसंबर 2019 और दिनांक :17/10/2021 को बरसठी, जौनपुर, उप्र थाना में किया था तब उसके पति के पास कांस्टेबल बलवंत (पीएनओ संख्या : 112501277) अपने साथी अश्वनी कुमार शाम के समय आए और बलवंत नाम के सिपाही ने धमकाते हुए कहा था कि भी ये बूचड़खाना चलता रहेगा …….तुम्हारे जैसे लोग हम पुलिसव वालों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते, इस तरह पीड़िता के पति को बहुत ललकारा था। पीड़िता के अनुसार यदि अवैध बूचड़खाना मेरे घर के पास ग्राम परियत में नहीं चल रहा था तब उस समय उसके पति के पत्र को बरसठी पुलिस अवैध क्यों नहीं करार दिया।

सच्चाई यह है कि  बूचड़खाना उसे नहीं कहते कि जहां गाय और भैंस काटा जाए डिक्शनरी उठाके देख लीजिए बूचड़खाना का मतलब यह होता है कि जहां पशुओं को निर्दयता पूर्वक काटा जाता हो और, हॉं वहां काटा जाता था भेड़, बकरा आदि, लेकिन जैसे ही बवाल बढ़ गया बरसठी थानाध्यक्ष बवाल बढ़ते देख उस बूचड़खाना को रातों-रात हटवा दिया। परन्तु  वास्तविकता यह है कि पुलिस को इन अवैध बूचड़खाने से उपरी आमदनी होती थी और पीड़िता के पति ने 112 नंबर पर फोन करने से उनको दिक्कत हो गई जैसे बरसठी पुलिस के भोजन की थाली को कोई लात मार दिया हो।

     थाना बरसठी का हे0का0 जगनारायण सिंह ने उपरोक्त रिपोर्ट में कहा कि पीड़िता के पति के घर की महिलाएं होली के दिन पुलिस के आने पर शोर-गुल मचाने लगी और पुलिस को देख लेने की धमकी देने लगी। मगर सच्चाई यही है कि उस दौरान बरसठी, जिला: जौनपुर, उप्र का थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467)  सबसे पहले पीड़िता के घर में घुसा तो पीड़िता की बेटी हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगी कि मेरे पापा को मत मारिये मगर भ्रष्टाचारी, मानवता को शर्मसार करने वाले तत्कालीन थानाध्यक्ष राम सरीख का अवैध बूचड़खाना बंद हो रहा था उसके आमदनी का जरिया समाप्त हो रहा था वो बात नहीं माना।

.                                          (पीड़िता की बेटी द्वारा हाथ जोड़ने के विडियो का स्क्रीनशॉट संलग्न
.                                         जबकि बरसठी पुलिस व तत्कालीन सीओ संत प्रसाद का कहना
.                                         था कि महिलाएं पुलिस को देख लेने की धमकी दे रही थीं)

इतना ही नहीं क्रूर, मानवता को शर्मसार कर देने वाला बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष रामसरीख (पीएनओ संख्या : 960600467)  पीड़िता की बेटी की बात नहीं माना और घर में घुसने के लिए आगे बढ़ा:

 

 .                                            (तात्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख का पीड़िता के घर में घुसने आगे
.                                             कदम बढ़ाने का विडियो का स्क्रीन शाट संलग्न)

 पीड़िता के पति विडियो बनाने लगे तो मात्र दो सेकेण्ड का ही विडियो बन पाया तब तक थानाध्यक्ष राम सरीख और पीछे-पीछे उनके पुलिस साथियों ने उसके घर में प्रवेश किया तो  पीड़िता के पति ने अपना मोबाइल फोन को झट से किसी कपाट के अंदर डालकर छुपा दिया। किंतु घर में तत्कालीन थानाध्यक्ष राम सरीख जब घुसे तब दो सेकेंड का विडियो

.                                                                           ये घाव और टूटी-फूटी चूड़ियां बता रही हैं कि घर की महिला
.                                                                           के साथ कुछ न कुछ ज्यादती अवश्य हुई थी

 

बन गया था जिसमें थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम के कमर से लेकर नीचे तक का हिस्सा आ गया,  फिर थानाध्यक्ष राम सरीख सबसे पहले घर में प्रवेश किये और कुछ पुलिस वाले जो पीड़िता घर के द्वार पर खड़े थे वे सब अंदर प्रवेश कर गए और सब मिलकर  निर्ममता पूर्वक पीड़िता के पति की पिटाई करने लगे, गंदी-गंदी गालियां देने लगे व अश्लील फब्तियां कसने लगे।

पीड़िता के पति थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम के बर्बर हमले में एकदम अकेले असहाय देख बचाने दौड़ पड़ी क्योंकि थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) उसके पति को अपने साथियों के साथ बुरी तरह से लात, घूंसों और डंडों से मार रहा था और जब पीड़िता ने इस तरह थानाध्यक्ष और उसके साथ आए सिपाही लोग उसके पति को मारने लगे तो प्रार्थिनी व उसकी बेटी बीच-बचाव करने के लिए आई तो थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) व उसके साथी सिपाहियों में ने उसके बेटी  के बाल पकड़कर बुरी तरह कसकर खींच आगे की ओर ढकेल दिया दिया और फिर बाल पकड़कर घसीटते हुए बाहर लाए।

परियत निवासिनी की तत्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम (पीएनओ संख्या:960600467) ने साड़ी खींच उसे बेपर्दा कर दिया ऐसा उसने जौनपुर, उप्र कोर्ट में पीड़िता ने शपथ पत्र में लिखा

.                                               (उपरोक्त शपथ पत्र जो जौनपुर कोर्ट में
.                                                पीड़िता द्वारा प्रस्तुत किया गया है)

तत्कालीन बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम (पीएनओ संख्या:960600467) ने  पीड़िता को जानबूझकर बेज्जती करने के इरादे से उसकी साड़ी भी खींच दी जिससे वो पूरी तरह बेपर्दा हो गई और बहुत अपमानित और लज्जित अनुभव किया। थानाध्यक्ष और उसके सिपाहियों ने जानबूझकर धक्का दिया, भद्दी-भद्दी अश्लील गालियां दी, अश्लील फब्तियां कसी। तत्पश्चात राम सरीख ने सिपाहियों को ललकारते हुए कहा कि बेटियों को बेज्जत कर दो तो इस पर चार-पांच सिपाही मिलकर पीड़िता के बेटियों के कपड़े फाड़ने लगे, उपरोक्त बातें परियत निवासिनी पीड़िता ने कोर्ट में दिय हलफनामें में कही है। तब पीड़िता ने अपनी और बेटियों की इज्जत की रक्षा करने व जान बचाने के लिए थानाध्यक्ष बरसठी व एक अन्य सिपाही के हाथ की हथेली में दातं से काटा व एक सिपाही के चेहरे पर नाखून से खरोंच लिया और बेटी का सम्मान बचाने में कामयाब रही। तत्पश्चात भारी शोर-शराबा सुनकर पीड़िता के घर के अन्य सदस्य भी आ गए। प्रार्थिनी के जेठ जो हृदयरोगी हैं उन्होंने बीच-बचाव किया तो पुलिस वालों ने बहुत निर्दयता पूर्वक कई थप्पड़ मारा और मारते-धक्के देते और अपमानित करते हुए उन्हें बाहर ले गए जिससे वे चेतनारहित हो गए उनका हृदय गति रूकते-रूकते बचा।

     ज्ञात हो कि पीड़िता के अनुसार भ्रष्ट, दुष्ट बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) के अंदर थोड़ी भी मानवता नहीं है और न ही महिलाओं के प्रति रंच मात्र सम्मान। थानाध्यक्ष एक बर्बर, नीचता की पराकाष्ठा पार कर जाने वाला हैवान, इस कलियुग का कंस,  दुःशासन है। पीड़िता के अनुसार पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष राम सरीख जब उसे घसीट रहे थे तब चंचल यादव नाम का सिपाही गंदी-गंदी गालियां देने में सबसे आगे था, ऐसा लग रहा था कि एक औरत के वदन से वस्त्र उतर गया हो तो वो एक बहुत बड़ी विजय हासिल कर लिया हो। सारे सिपाही ऐसे घूर-घूर के देख रहे थे जैसे कभी किसी महिला को देखे न हो। जब कोई महिला बेपर्दा हो जाती है तो सभ्य समाज के लोगों का सिर लज्जा से झुक जाता है मगर ये तो हैवानियत की सीमा पार कर देने वाले सबके सब उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे घिनौने हैवान थे, इन्हें न लज्जा है न अपने किये पर पछतावा है उल्टा पीड़िता को ही उपरोक्त अपनी रिपोर्ट में आरोपी बना दिया गया।
 

                    ब्राह्मण परिवार पर एससी/एसटी एक्ट लगाने की धमकी दिया
 

इतना ही नहीं, जब पीड़िता के पति व बेटियों को पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) व उनके अन्य पुलिस साथी बहुत ही निर्दयता से मार रहे थे तब शोर सुनकर गॉंव वाले  इकट्ठा होने लगे तो पुलिस वाले प्रार्थिनी के दुकान में घुस गये और दुकान का सामान बिखेर दिया और दुकान के गल्ले से लगभग पांच-छह दिन की बिक्री जो लगभग 35-40 हजार था तथा पति के जेब से 3000 के लगभग वो भी जेब से फाड़कर निकाल लिए और जाते-जाते थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम ये धमकी देकर गए कि तुम सबको ऐसी अमानवीय  धाराएं लगाएंगे कि जमानत भी नहीं मिलेगी और एससी-एसटी एक्ट में भी पूरे परिवार और रिश्तेदार को फंसाने की धमकी दिया। तत्कालीन एसएचओ राम सरीख की इस तरह बुरी तरह धमकाने का दुष्प्रभाव यह हुआ कि पीड़िता का पति पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष की दहशत से अपना दुकान आदि बंद कर पलायन कर गया। इन दुष्ट भ्रष्टाचारियों ने पीड़िता के पति के रोजी-रोटी के साधन आदि को पूरी तरह बर्बाद करा दिया।

सीओ संत प्रसाद उपाध्याय की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण झूठ से भरा हुआ है, नाम मात्र की सच्चाई

.                                                               भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला पूर्व क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं
 

पूर्व क्षेत्राधिकारी मडियाहूं संत प्रसाद उपाध्याय ने 9 अप्रैल, 2022 की रिपोर्ट में कि जेवर चोरी का आरोप को गलत बताया लेकिन पीड़िता या उसके परिवार ने कभी जेवर चोरी का आरोप पुलिस पर लगाया ही नहीं था सब के सब मनगढ़ंत आरोप जो मन में आया लिखा और मनमाना रिपोर्ट बना दिया। पूर्व सीओ संता प्रसाद उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं कि घर की महिलाएं विडियो बना रही थी जो कि एकदम गलत है, विडियो सिर्फ पीड़िता के पति ने मात्र दो सेकेण्ड का बनाया था। पूर्व सीओ ने बताया कि महिलाएं जीप के सामने आ गई भारी विरोध कर रही थीं जबकि सच्चाई यही है कि कोई महिला यानी न तो पीड़िता ओर न ही उसकी बेटी घर से बाहर निकली। वास्तविकता यही है कि पूर्व सीओ मडियाहूं का संत प्रसाद उपाध्याय बहुत ही भ्रष्ट किस्म का सीओ है, उसे कुछ रूपया दे दीजिए बस मनमाना रिपोर्ट बनवा सकते हैं, इसका पीड़िता के पास प्रमाण है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को गलत व भ्रामक उत्तर देने में बहुत माहिर हैं जिसका शीघ्र ही खुलासा किया जाएगा। इन्होंने अपनी उपरोक्त रिपोर्ट में लिखा है कि पीड़िता का पति घर के अंदर से उटपटांग बोलता रहा सच ये है कि मार पड़ने के डर से वो घर के अंदर चला गया था क्योंकि इसके पूर्व पीसीआर वाले सिपाही के फोन पर कॉल कर तत्कालीन राम रसीख गौतम ने बहुत गाली देकर धमकाया था। प्रार्थिनी के साथ उसकी बेटी हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही थी कि उसके बाप को न मारा जाए किंतु थानाध्यक्ष घर में घुसा ही था अंदर की ओर बढ़ गया। सच्चाई यही है कि पूरा का पूरा महकमा भ्रष्ट थानाध्यक्ष राम सरीख को बचाने में लगा है क्योंकि अवैध वसूली का हिस्सा संत प्रसाद उपाध्याय को अवश्य मिलता होगा, तभी वे अपनी रिपोर्ट में बकरा, भेड़ कटने का जिक्र न करके अवैध बूचड़खाने को छिपा जाते हैं।

प्रार्थिनी का पति कई सालों से अवैध बूचड़खाने को बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था मगर पुलिस वाले उसे धमकी पर धमकी देते रहे

परियत, जौनपुर उप्र निवासिनी के पति कई बार बरसठी पुलिस को सूचित किया मगर बलवंत नाम का सिपाही धमकी दिया कि बूचड़खाना नहीं बंद होगा फिर पीड़िता के पति के अनुसार उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं को 17/11/2021 शिकायत किया तो तत्कालीन एसडीएम ने संत प्रसाद उपाध्याय को बुलाया तो संत प्रसाद उपाध्याय पूरी तरह आग बबूला हो गया और उसके पति को मां की गाली माधर$$चो $$$ देकर अपमानित किया।

उस समय एसपी कार्यालय ने भी उसकी बात नहीं सुनी, बरसठी पुलिस व मड़ियाहूं के राजस्व विभाग के अधिकारियों में गहरी सांठगाठ

इतना ही नहीं पीड़िता अपने पति के साथ उसका पूरा परिवार जौनपुर के एसपी से दिनांक : 21 मार्च, 2022 को मिलने गए मगर उन्होंने इस मामले को एसपी ग्रॉमीण को सौंप कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली और एसपी ग्रॉमीण से जब पीड़िता व उसका पूरा परिवार मिले तब उन्होंने कोई भी कार्यवाही करने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया और कहा कि हम अपने स्टॉफ के प्रति कोई भी एक्शन नहीं ले सकते हैं यद्यपि ग्रॉमीण एसपी पीड़िता शिवानी के घर जांच करने के लिए आए थे और उपर के सारे अधिकारी यह सब जगह कहते  फिर रहे हैं कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था, ऐसी भ्रष्टता का उदाहरण यह जगजाहिर करता है कि तहसील और थाना वाले सब आपस में मिले रहते है।

ग्राम परियत, जौनपुर उप्र की पीड़िता का कहना है कि यदि कुछ हुआ ही नहीं तो : 1) उसके हाथ व उसके पति के हाथ, पैर और सिर में कैसे इतनी चोटें आईं। 2) उसके पति के मोबाइल में दो सेकेण्ड का थानाध्यक्ष के अंदर आने का विडियो उनके कमर से लेकर पैर तक का कैसे आया 3) डॉक्टर ने जो दवा खाने की पर्ची दी है तो क्या वह भी गलत है 4) बूचड़खाने के विडियो जिसे वायरल कर दिया जा रहा है क्या वह भी गलत है 5) पीड़िता के पति ने बूचड़खाने की पहले भी दिनांक : दिसंबर 2019, 17/10/2021 को शिकायत किये थे तो उनके शिकायत को बरसठी पुलिस ने अवैध क्यों नहीं बताया ।

पीड़िता के  अनुसार उसके पति का 2 सेकेण्ड का विडियो है क्योंकि थानाध्यक्ष घर के अंदर घुसे जा रहे थे तो उसके पति ने अपने विडियो लेने वाले फोन को किसी दराज में छिपा दिया वर्ना वो भी सबूत मिट जाते, ये विडियो यह साबित करता है कि पुलिस पीड़िता के घर में घुसी थी और जब विडियो को खंगाला गया तो विडियो 18 मार्च, 2022 समय सुबह 10:50 का और लोकेशन परियत, जौनपुर उप्र बता रहा है।

.                                                (विडियो व उसके टाइम आदि का स्क्रीन शाट संलग्न)

याद रहे कि जब बरसठी थानाध्यक्ष ने पीड़िता व उसकी बेटी व पति के साथ मानवता की सारी हदें पार की तो उसके पति ने जौनपुर एसपी, सीओ आदि को अपने मोबाइल से फोन किया और वे चाहते तो तुरंत मेडिकल आदि करवाकर पूरी सच्चाई सामने ला सकते थे किंतु किसी ने उसकी सहायत नहीं किया क्योंकि वे सब के सब बरसठी के भ्रष्टाचारी थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम को बचाना चाहते थे।

आज पीड़िता परियत ग्राम की निवासिनी का मनोबल टूट चुका है, पता नहीं क्यों यहां ग्राम परियत में रहने में वे सब बहुत डरे हुए अनुभव कर रहे हैं जिसके कारण यहां से पलायन करने पर मजबूर हो गए, इसलिए अब अपना गांव परियत, जौनपुर छोड़कर परदेश चले गए थे किंतु पीड़िता व उसका परिवार चाहता है कि उस बर्बर, महिलाओं को अपमानित करने वाले दुष्ट थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) को ऐसी सजा मिले कि वो पूरे देश में एक अनुपम उदाहरण हो जाएं ताकि भविष्य में कोई वर्दी वाला इस तरह महिला का अपमान न कर सके, ज्ञात हो कि पीड़िता के पति का पूरा व्यापार पूरी तरह बर्बाद हो गया।

 बहुत ही क्रूर अपराधी मानसिकता का है पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष रामसरीख (पीएनओ संख्या:960600467) व देश और समाज के लिए खतरनाक है, जेल भी जा चुका है

जनता पर बर्बर अत्याचार करने वाला, मुख्यमंत्री को फ्रॉड रिपोर्ट देने वाला राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) एक अपराधी मानसिकता का थानाध्यक्ष है, उपर के अधिकारियों को चारसौबीसी भरा उत्तर देना इसकी आदत में है। अपने कर्तव्यों का पालन करता ही नहीं यदि उसे आप आरटीआई लगाकर पूछोगे कि अमुक प्रार्थना पत्र पर क्या कार्यवाई हुई तो उत्तर में लिख देगा कि रिपोर्ट संलग्न है मगर कुछ भी संलग्न नहीं रहता। ज्ञात रहे कि उपरोक्त भ्रष्टाचारी, महिलाओं को अपमानति करने वाले थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम की अपराधी मानसिकता अभी समाप्त नहीं हुई है।

पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष रामसरीख गौतम (पीएनओ संख्या:960600467)  का यूपी पुलिस के वेबसाइट का निलंबन विवरण व खतरनाक धाराएं उसके उपर लगी  देखें :

 

निलंबन विवरण राम सरीख का (पीएनओ संख्या:960600467) व उन पर लगी खतरनाक धाराएं :

क्रम संख्या कब से कब तक कारण
1 03 दिसंबर 2001 02 मार्च 2002 तक मु0अ0स0 251/2001 धारा 147/148/149/352/504/506 भा0द0वि0 व 7 सीएलए एक्ट पंजीकृत होने एवं जेल जाने के कारण।

(यूपी पुलिस की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट जिसमें कितनी भयानक धाराएं उपरोक्त थानाध्यक्ष पर लगी हैं )                   

और इसके बाद कई बार पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष रामसरीख गौतम  को लघु दण्ड के लिए भी दण्डित किया जा चुका है जिसका विवरण उत्तर प्रदेश के यूपी पुलिस के वेबसाइट के अनुसार इस प्रकार है :

जांच एवं दण्ड विवरण

: क्र0सं0   दण्ड देने वाले अधिकारी का नाम   दण्ड आदेश संख्या     दण्ड का प्रकार   दण्ड   दण्ड का दिनॉंक
1   व0पु0 अधीक्षक वाराणसी    न 1092/2019   लघु दण्ड एक मास के वेतन से अनधिक अर्थदण्ड   29 मई,  2020
2 व0पु0 अधीक्षक वाराणसी       द 109/2017     लघु दण्ड      परिनिन्दा   09 अप्रैल, 2018
3     सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा        न 67/2001     लघु दण्ड        परिनिन्दा     16 अक्टूबर 2002

   

पीड़िता का कहना है कि उसके साथ, मेरी बेटी के साथ, उसके पति व अन्य मेरे परिजनों के साथ कोई अनहोनी होती है या पुलिस किसी फर्जी मामले में फंसाती है तो उसके लिए पूर्व बरसठी थानाध्यक्ष 1.  राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467), 2. पूर्व सीओ संत प्रसाद उपाध्याय, 3.सिपाही महेश चौधरी, 4.अश्वनी कुमार, 5. सिपाही राजू सिपाही 6.चंचल यादव आदि जिम्मेदार होंगे।

सनद रहे कि पीड़िता को आरोप है कि उसके पति जब सोशल मीडिया ट्वीटर  आदि के माध्यम से न्याय मांग रहे थे जिस पर उनके ढाई हजार कम से कम फालोवर थे, को पूर्व थानाध्यक्ष ने अपने पावर का प्रयोग करके ब्लॉक करवा दिया।

सवर्ण विरोधी मानसिकता का है बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख

यदि हमारा जन्म ब्राह्मण, क्षत्रिय या अन्य सवर्ण वर्ग में हो गया है तो इसमें हमारी क्या गलती। लेकिन बरसठी का पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख गौतम सवर्णों से बहुत घृणा करता है विशेषकर ब्राह्मण उसके निशाने पर रहते हैं। उसने होली के दिन ब्राह्मण परिवार को मौका पाया मारा-पीटा, पीड़िता की साड़ी खींच कर निर्वस्त्र किया, राम सरीख के इस तरह घटियां हरकतों से पूरा गॉंव में एक भय का माहौल बन गया।

सोशल मीडिया में अर्धनग्न महिलाओं को देखना बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख को  बेहद पसंद है

पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख के फेसबुक प्रोफाइल को देखेंगे तो वे ऐसे महिलाओं को फॉलो कर रहे हैं जो अर्धनग्न तस्वीरें लगाती है ऐसे महिलाओं को लाइक भी करते हैं। यद्यपि वे बालिग हैं देख सकते हैं मगर यदि कोई जनसेवक हो तो मेरे अनुसार सार्वजनिक मंच पर ऐसा नहीं करना चाहिए वर्ना जनता में गलत संदेश जाता है, पूर्व थानाध्यक्ष की मित्र फॉलोवरों में यामिनी गौतम धर, इसा रेब्बा, आयशा टाकिया आजिमी, जाह्नवी कपूर, बूटी लवर्स, पूजा हेगड़े, तमन्नाह, मिल्की ब्युटी तमन्नाह, परिनीति चोपरा, धवनी भानुशाली, श्रद्धा कपूर, जैक्वलीन फर्नांडीज, सोनाक्षी सिन्हा आदि हैं।

राम सरीख गौतम के फॉलोवरों में पोर्न स्टार रह चुकी सन्नी लियोन का भी नाम है।

.                                            बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख (पीएनओ संख्या:960600467) के लाइक्स एवं फॉलो

 

अक्टूबर, 2022 की रिपोर्ट में सीओ संत प्रसाद उपाध्याय वाली रिपोर्ट को अशोक कुमार सिंह ने पूरी तरह से दुहरा दिया है

कहा जाता है कि चोर-चोर मौसेरे भाई होते हैं कुछ इस तरह पीड़िता की जांच मड़ियाहूं के सीओ अशोक सिंह ने  अक्टूबर, 2022 के उसकी शिकायत में किया है। ज्ञात हो कि  दिनांक : 28-10-2022 को परियत निवासिनी ने प्रधानमंत्री को शिकायत किया था जिसकी शिकायत संख्या : PMOPG/E/2022/028827……… था।  जिसमें मड़ियाहूं के सीओ ने जांच में पूरी तरह से लीपा-पोती कर दिया है।  क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं सीओ अशोक कुमार सिंह पूरी तरह उपरोक्त पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख के पक्ष में खड़े हैं, क्योंकि परियत निवासिनी पीड़िता ने 28-10-2022 को प्रधानमंत्री को ऑनलाइन शिकायत किया था तो साहब सीओ की रिपोर्ट 24/11/2022 की है उसमें कुछ भी नया नहीं वो पूरी तरह पूर्व सीओ संत प्रसाद उपाध्याय के रिपोर्ट को दुहरा दिया है, उपरोक्त पुलिस अधिकारी एक ही रिपोर्ट को बार-बार दुहराकर पहले वाले अधिकारी यानी की संत प्रसाद उपाध्याय को क्लीनचिट दे देते हैं और उस पर पूरी तरह सच्चाई की मुहर लगा देते हैं कि रिपोर्ट एकदम सच्ची है, सच तो यह है कि जौनपुर पुलिस एक भ्रष्टाचारी गैंग में बदल चुका है, आप पुलिस के विरूद्ध कुछ बोलेगे तो ये पुलिस वाले आपको मारेंगे, पीटेंगे और गाली देंगे आप कुछ भी एक्शन लो तो ये पूरी तरह मुकर जाएंगे और फर्जी गवाह भी अपनी बेगुनाही के लिए प्लांट कर देंगे आप पुलिस को कुछ कह नहीं सकते वो चाहे भूमाफिया से संबंध रखे, अपराधियों से संबंध रखे आप उसके उपर उंगुली उठाए तो आपके उपर तमाम फर्जी केस लादकर पूरी तरह बर्बाद कर देंगे, ऐसा कुछ पीड़िता के साथ हो चुका है।

भ्रष्टाचारी अधिकारी राम सरीख गौतम के कारण पीड़िता के पति का पूरा व्यापार चौपट हो गया

बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष राम सरीख की धमकियों के डर से पूरे परिवार सहित अपनी दुकान बंद करके परदेश पलायन कर गए थे, वह धमकी दिया  है कि यदि कोर्ट में केस  करोगे तो तुम्हारे उपर बहुत सारे फर्जी केसेज अमानवीय धाराओं में दर्ज होगा व पूरे परिवार व रिश्तेदार के उपर एससी-एसटी केस कर देंगे जिस कारण वे सब परदेश भागने पर मजबूर हो गए।

पीड़िता का पूरा परिवार दुकान विखर गया है, उसकी रोजी-रोटी सब चौपट हो गई ये सब के सब बरसठी के पूर्व थानाध्यक्ष भ्रष्टाचारी राम सरीख गौतम (पीएनओ संख्या : 960600467) के कारण हुआ, पूरा परिवार आज भी बहुत डरा हुआ है, ग्रॉम परियत में रहने के लिए तैयार नहीं है, राम सरीख गौतम ने एक सम्मानित ब्राह्मण परिवार के हौसले, सम्मान आदि को निर्ममता पूर्वक कुचल दिया, राम सरीख गौतम सवर्ण विरोधी मानिसकता का थानाध्यक्ष था, ऐसे अधिकारियों को  कभी भी पदोन्नति सरकार को नहीं देना चाहिए वर्ना ये जनता पर कहर बनकर टूट जाएंगे और कानून का राज की जगह भ्रष्टाचार का राज कायम करने में ऐसे ही भ्रष्टाचारी सबसे आगे रहेंगे।

उपरोक्त घटना पर स्थानिय लोगों, नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं की क्या राय है, आइये हम जानते हैं :

.                                                                     ब्रह्मदेव उपाध्याय सामाजिक कार्यकर्ता व भाजपा नेता
 

भाजपा के क्षेत्रीय जुझारू नेता ब्रह्मदेव उपाध्याय जी का इस मुद्दे पर कहनाा है कि वहां बूचड़खाना बहुत पहले से चलता था जिसके चलने के कारण कई लोगों को आपत्ति थी मगर कुछ लोग कह नहीं पा रहे थे किंतु शिवानी (पीड़िता का काल्पनिक नाम) का घर पास में था मांस के लोथड़े टुकड़ चील, कौवे आदि पीड़िता के पति के आंगन, पानी की टंकी व कपड़ो आदि पर गिरा देते थे तो पीड़िता के पति बूचड़खाना चलाने वालों से जाकर शिकायत भी किया मगर वे नहीं सुने और बूचड़खाना चलाने वाले लोगों से इनकी तू-तू, मैं-मैं भी हुई और जैसा आप सबको मालूम ही है कि पुलिस तो पैसे लेकर ये सब काम होने देती है ये सब जानते हैं। बरसठी पुलिस, सीओ कार्यालय आदि ने जो रिपोर्ट लगाई है गलत है, वे सत्य को नकार कर असत्य का मार्ग चुना ऐसा क्यों किया किसी स्वतंत्र निकाय से जांच करने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पुलिस ने जो जांच कर दिया तो कर दिया चाहे वो जैसा भी हो आगे सच्चाई को जानने का प्रयास नहीं करेंगे, जो जांच पहले हो चुकी है आने वाले अधिकारी उसी रिपोर्ट को ही दुहराते रहते हैं और यदि पुलिस को सत्य पता भी चलता भी है तो भी वर्तमान अधिकारी पहले वाले रिपोर्ट को आगे बढ़ाता रहता है और सत्य को नकाराता रहता है इस तरह मौजूदा अधिकारी अपने विभाग के अधिकारी का बाल-बांका नहीं होने देते, एक कहावत है चोर-चोर मौसेरे भाई। चाहे कुछ भी हो जाए हम सब लोग हर तरह से पीड़िता के साथ हैं जितना हो सकेंगे लड़ेंगे,  न दबेगें और न ही झुकेंगे।

.                                                                         विश्व हिन्दू परिषद बरसठी प्रखंड के अध्यक्ष मुलायम पाठक

वहीं, विश्व हिन्दू परिषद बरसठी प्रखंड के अध्यक्ष मुलायम पाठक इस उपरोक्त मुद्दे पर कहना है कि पीड़िता के पति को उपरोक्त बूचड़खाना से दिक्कत था जिसकी वे कई बार शिकायत भी कर चुके थे, यदि त्योहार के दिन पीड़िता के पति पुलिस को 112 नंबर पर फोन ही कर दिये तो पुलिस को वहां आकर उन्हें समझाना चाहिए न कि पुलिस वहां आकर गाली-गलौज करे या घर में घुसकर मार-पीट करे,  पुलिस ने जो भी किया ठीक नहीं किया। पीड़ित परिवार के घर की महिलाएं बहुत संस्कारी हैं वे कभी पुलिस को धमका नहीं सकती हैं। जैसे ही पुलिस ने पीड़िता के पति को मारा-पीटा वहां सांसद जी भी आए कहा कि गलती करने वाले पुलिस वालों के प्रति कार्यवाहीं नहीं हुई तो हम लोग यहां धरना-प्रदर्शन करेंगे मगर कहां कुछ हुआ, जिनके पास पैसा है सब कुछ उन्हीं के पक्ष में हुआ, जांच में पीड़िता व उसके पति के साथ न्याय नहीं हुआ, पीड़िता का पूरा परिवार का पूरा व्यापार चौपट हो गया, वे दर-दर की ठोकरें खाने काे मजबूर हैं।

.                                                                   भाजपा  क्षेत्रीय नेता चंद्रशेखर सिंह

     और, भाजपा के क्षेत्रीय नेता व भूमाफियाओं के विरूद्ध अपनी आवाज बुलंद करने वाले चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि समाज में बढ़ते अपराधों, भूमाफियाओं के हौसले बुलंद करने में, जमींन, खेत आदि से संबंधित जितनी समस्याएं हैं उनमें पुलिस व लेखपाल का बहुत बड़ा हाथ है। यदि कोई शिकायत करता है और शिकायतकर्ता पुलिस को रिश्वत नहीं दी तो पुलिस गलत, सरकार को बरगलाने वाले रिपोर्ट लगा देती है और यदि शिकायतकर्ता और उपर शिकायत कर देता है और उसकी शिकायत राजस्व विभाग की ओर चली जाती है तो राजस्व विभाग का लेखपाल पुलिस से मिलते-जुलते रिपोर्ट लगाकर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम करता है, इस तरह पुलिस व राजस्व विभाग दोनों आपस में हाथ मिलाकर सरकार को गलत रिपोर्ट भेजकर जनता के साथ पूरी तरह से अन्याय करते हैं, स्वयं पुलिस व राजस्व विभाग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को झूठ, भ्रामक और फ्राड रिपोर्ट भेज देता है और पता चलने पर कम्प्युटर ऑपरेटर की गलती बताकर पल्ला झाड़ लेता है।
   
    आगे सिंह का कहना है कि राजस्व के कर्मचारी ही विवाद पैदा करने वाले हैं जैसे लेखपाल वगैरह अपने जिम्मेदारी से पीछे हट जाते हैं और जहाँ पैसे की बात आती है वहीं पहले आते है बदनाम सरकार को करते हैं जो कि सरासर एकदम गलत है। ऐसे में सरकार को चाहिए की हर विभाग की समीक्षा बैठक में सार्वजनिक रूप से बताया जाएगी एक पखवाड़े या एक महीने में शिकायत इतना आई और इतनी शिकायत निस्तारण हुई।
 

.                                                       हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्रा

उपरोक्त मुद‌्दे पर अखिल भारत हिंन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्रा का कहना है कि किसी भी कीमत पर पीड़िता व उसके पति को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। यदि उसे आर्थिक रूप से कमजोर हुई तो हम सब मिलकर चंदा इकट्ठा करेंगे और उपरोक्त दुष्ट, भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के विरूद्ध आंदोलन भी दिल्ली से लखनऊ तक चलवाएंगे। उपरोक्त पुलिस अधिकारी व जिन-जिन ने उसके साथ मिलकर अत्याचार किया उसे बचाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी।

.                                                         समाजसेवी, सदाशिव तिवारी

  आगे, वहां के स्थानिय समाजसेवी सदाशिव तिवारी का कहना है कि बरसठी पुलिस ने जब रिपोर्ट बनाया तो गलत बनाया फिर वैसी ही मिलती जुलती रिपोर्ट क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं संत प्रसाद उपाध्याय ने बनाया और उन्हीं के रिपोर्ट को वर्तमान सीओ आगे बढ़ा रहे हैं, वर्तमान सीओ को चाहिए कि मौके का मुआयना कर सच की जानकारी जुटाएं मगर इसमें उनकी कोई रूचि नहीं दिखाया, मतलब ये है कि ये लोग उपरोक्त भ्रष्ट थानाध्यक्ष को बचा रहे हैं। जब घर के अंदर घुसने का विडियाे आ गया, बच्ची हाथ जोड़ रही है फिर पुलिस सच्चाई से क्यों भाग रही है। तिवारी आगे कह रहे हैं कि तहसील मड़ियाहूं के कुछ राजस्व विभाग के अधिकारी भी बहुत भ्रष्ट हैं ऐसे ही एक भ्रष्ट अधिकारी का नाम है राम शिरोमणि प्रजापति है जो कि गलत रिपोर्ट लगाया है कि वहां मछली, मुर्गा बिकता है जबकि यहां बुचड़खाना चल रहा था जब मामला बढ़ा तो पुलिस ने रातों-रात वो बूचड़खाना हटा दिया है।

.                                                                          अवधेश कुमार सिंह अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट

      घर में घुसकर महिला की साड़ी पकड़कर खींचने के आरोपी चाहे कोई भी हो उसके विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही होना  चाहिए। ऐसे अधिकारी पुलिस की छवि को खराब करते हैं, सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और इन्हें बचाने वाले अधिकारियों को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए। वर्ना जनता में एक गलत संदेश जाता कि पुलिस जनता के उपर जो भी बर्बर अत्याचार करें उनको कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

 

(ये लेखक के अपने विचार हैं और यह आवश्यक नहीं कि भारत वार्ता इससे सहमत हो, किसी भी विवाद के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय मान्य होगा)