नए युग,नये कालचक्र व राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण के खोखले दावे और ‘सुप्रीम हंटर’

   भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकतंत्र की हत्या के लाख प्रयासों के बावजूद आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर ही दिया है। सत्ता को दर्पण दिखने वाले इस फ़ैसले से एक दिन पूर्व यानी गत सोमवार (19 फ़रवरी ) को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में कल्किधाम मंदिर के एक शिलान्यास कार्यक्रम में जो 'प्रवचन' दे रहे थे उसे सुनकर कोई भी यही कहेगा कि भारतवर्ष तीव्र गति के साथ न केवल आगे बढ़ रहा है बल्कि विश्व महाशक्ति भी बनने जा रहा है। उनके लोकलुभावन व आत्म प्रशंसा से ओत प्रोत प्रवचन के मुख्य अंश कुछ इसतरह थे – "ईश्वर ने मुझे राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण का जो ज़िम्मा सौंपा है उसको भव्यता दे रहा हूं'। उन्होंने कहा कि  भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा संकल्पों के साथ आगे बढ़ रही है। आपने फ़रमाया कि भारत अब पराभव से विजय की ओर प्रस्थान करने वाला राष्ट्र बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत पहली बार उस मुक़ाम पर है कि अब वह अनुसरण नहीं दुनिया भर में उदाहरण पेश कर रहा है। अब देश का हर व्यक्ति गौरव गौरवान्वित महसूस करता है। अब हमारी शक्ति अनंत और संभावनाएं अपार हैं। अब कालचक्र बदल गया है और नए युग की शुरुआत हो चुकी है। हम दुनिया में पांचवीं अर्थव्यवस्था हैं, आदि आदि।

      जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपरोक्त 'प्रवचन' देकर 'राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण' की सुनहरी तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहे थे ठीक उसी समय देश का सर्वोच्च न्यायलय एक बार फिर पिछले दिनों चंडीगढ़ में हुये मेयर चुनाव पर इसी आत्म मुग्ध सरकार और इसके 'चाणक्यों ' को आइना दिखा रहा था। ग़ौरतलब है कि भाजपा की चुनाव टालने की तमाम कोशिशों के बावजूद गत 30 जनवरी को चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव संपन्न हुआ था। चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षदों की कुल 35 सीटें हैं। एक वोट स्थानीय लोकसभा सदस्य का भी गिना जाता है। इस तरह बीजेपी के 14 पार्षद, एक भाजपा सांसद(किरण खेर ) और शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद को मिलाकर कुल 16 वोट ही होते हैं।  जबकि दूसरी तरफ़ आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं।अर्थात  इंडिया गठबंधन के पास कुल 20 मतों के संख्या बल के आधार पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे लोकसभा चुनाव से पूर्व इंडिया गठबंधन के बीजेपी से पहले मुक़ाबले की तरह देख रही थी तथा इंडिया गठबंधन की जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त थी। परन्तु इन संभावनाओं के विपरीत आये चुनाव परिणामों से पूरा देश हैरान रह गया। चुनाव प्रक्रिया के दौरान के आये वीडियो में देखा गया कि पीठासीन अधिकारी द्वारा मत पत्रों को अमान्य क़रार देने की ग़रज़ से जानबूझकर उन पर हस्ताक्षर किये गये या कुछ लिखा गया। और बाद में पीठासीन अधिकारी ने निशान लगाये गये उन्हीं आठ मतों को आमान्य क़रार दे दिया। और 14 पार्षद वाली भाजपा के मेयर को विजयी घोषित कर दिया। जिन आठ वोटों को अमान्य क़रार दिया गया उसका कारण भी नहीं बताया गया। बीजेपी चंडीगढ़ मेयर चुनाव को इतना अहम समझ रही थी कि पार्टी के एक महासचिव चुनाव से कई दिनों पूर्व से ही इन चुनावों की रणनीति के लिए चंडीगढ़ में ठहरे हुए थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस धांधलीपूर्ण जीत के बाद कहा था कि ''बीजेपी की चंडीगढ़ यूनिट को मेयर चुनाव जीतने के लिए बधाई।  पीएम मोदी के नेतृत्व में चंडीगढ़ में रिकॉर्ड विकास हुआ है।

     बहरहाल नए युग की शुरुआत ,कालचक्र बदलने व राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण जैसे देशवासियों को आये दिन दिए जा रहे 'लॉली पॉप ' के बीच कांग्रेस व आप नेताओं द्वारा  "प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर पर देशद्रोह करने के आरोप लगाये गये व उसे गिरफ़्तार  करने व  मुक़दमा चलाने की मांग की गयी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया। उसके बाद इस प्रकरण में आई माननीय चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड की टिप्पणी नए युग की शुरुआत करने व कालचक्र बदलने का दावा करने वालों के लिये सबक़ लेने वाली हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''यह लोकतंत्र का मज़ाक है. जो हुआ, हम उससे हैरान हैं. हम लोकतंत्र की इस तरह से हत्या नहीं होने दे सकते.'' सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को भी उनकी संदिग्ध 'कारगुज़ारियों ' के लिये कड़ी फटकार लगाई। वीडियो देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने पीठासीन अधिकारी के बारे में कहा, ''ये साफ़ है कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई है. क्या इस तरह से चुनाव करवाए जाते हैं ? इस आदमी (पीठासीन अधिकारी ) पर मुक़दमा चलना चाहिए।  ये कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं और फिर किसी भगोड़े की तरह भाग क्यों रहे हैं?'' , ''पीठासीन अधिकारी मतपत्र में बदलाव करते दिखे हैं। क्या ये एक रिटर्निंग ऑफ़िसर का बर्ताव होना चाहिए? वो कैमरे की ओर देखते हैं और मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हैं। जिस मतपत्र के नीचे क्रॉस का निशान बना हुआ है, उसे ये ट्रे में रख देते हैं। जिस मतपत्र के ऊपर क्रॉस बना हुआ है, उसे ये बिगाड़ देते हैं और फिर कैमरे की ओर देखते हैं। इनसे बताइए कि सुप्रीम कोर्ट इन्हें देख रहा है। हम लोकतंत्र की ऐसे हत्या नहीं होने देंगे।अदालत ने इस घटनाक्रम को  लोकतंत्र की ‘हत्याऔर मज़ाक’ बताया था । देश में स्थिरता लाने की सबसे अहम शक्ति चुनाव प्रक्रिया की शुचिता है.''उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धांधली मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को भी नोटिस जारी किया था ।

     इसी बीच गत 19 फ़रवरी को जिस समय प्रधानमंत्री नए युग की शुरुआत व कालचक्र बदलने व राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण जैसे दावे जनता के समक्ष कर रहे थे उसी समय माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक बार फिर चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अहम आदेश दिया गया । अदालत ने चुनाव के पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह से कई सख़्त सवाल पूछे।इधर भाजपा ने "हॉर्स ट्रेडिंग " अंजाम देते हुए इस विवादित मेयर चुनाव के बाद आप के कुछ पार्षदों को अपने पाले में ले कर  पुनः मेयर चुनाव की मांग की गयी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए पिछले मतपत्रों की ही गिनती दुबारा किये जाने के निर्देश दिये। इस प्रकार चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर दिया गया। गोया भाजपा की 'कुटिल कथित चाणक्य नीति ' और उस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों व निर्देशों से यह साफ़ हो गया कि जिस नए युग की बात की जा रही है,जिसे कालचक्र का परिवर्तन बताया जा रहा है और जिस राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण की बातें की जा रही है वह दरअसल लोकतंत्र की ‘हत्याऔर मज़ाक’ का काला दौर है। मात्र सत्ता पर क़ाबिज़ होने के लिये जिसतरह के छल प्रपंच रचे जा रहे हैं वह स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला दौर है।
 

                     ( लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार है और ये लेखक के अपने निजी विचार हैं, इससे भारत वार्ता से कोई संबंध नहीं है)