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जनसेवा में पगार क्यों?
जो घर फूंक आपना चले हमारे संग कबीर की तरह फक्कड़ बनना होगा यदि सही मायने में समाज सेवा का ...
आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ
आपातकाल की घोषणा २५ जून १९७५ को हुई थी । रेडियो पर ख़बर आई होगी । मैंने तो नहीं सुनी ...
टूटता विश्वास
नकल असल जैसा, वैसा होने का एक और जहां भ्रम पैदा करता है वहीं दूसरी ओर अनुकरण न केवल गुलामी ...
गिलगित बल्तीस्तान में पाकिस्तान की चुनावी चाल
जम्मू कश्मीर प्रदेश का जो इलाक़ा पाकिस्तान के क़ब्ज़े में है, उसमें से सबसे बड़ा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ...
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी रासबिहारी बोस
भाई विशाल अग्रवाल की कलम से... देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले क्रांतिकारियों का जब जब ...
शिया समाज का संकट
पिछले दिनों कराची में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक बस रोक कर उसमें सवार लोगों की निर्मम हत्या कर दी । ...
60-12=48
आपको नौकरी मिली। नहीं मिली। किसानों को खून पसीने की कमाई मिली। नहीं मिली। जवानों के कटते गर्दन का जवाब ...
किसानों के अंधेरे घर से सियासी दीया जलाने का हुनर
यह कल्पना के परे है कि मरते किसानों के बीच से कुछ किसानो को चुन लिया जाये और फिर उनके ...
बचाऍं गॉंधी और सावरकर को !
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वही किया, जो भारत के प्रधानमंत्री को करना चाहिए था| उन्होंने भारत सरकार को उस ...