डॉ0 संतोष राय / Dr. Santosh Rai
बरसठी/मडि़याहूँ, उ0प्र0 । प्रार्थिनी राजकुमारी देवी प/ति श्री डॉ0 रमाकांत गुप्ता ग्रॉम/पोस्ट परियत, थाना/क्षेत्र बरसठी, तहसील -मडि़याहूँ, जिला- जौनपुर, उत्तर प्रदेश, दिनांक–5/03/2016 ऑनलाइन एक पत्र माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम से थाना बरसठी के बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका मोबाइल नंबर: 07388791887 है, के विरूद्ध दिया था जिसके बाद तहसील मडि़याहूँ के सीओ के किसी अधिकारी का श्रीमती राजकुमारी देवी के मोबाइल पर फोन आया कि आपका बयान लेना है तत्पश्चात राजकुमारी देवी 14/03/2016 को अपना बयान दर्ज कराने गई लेकिन वहाँ पर सीओ साहब के कोई अन्य अधिकारी थे जिन्होंने अपने हाथ से बयान लिखा लेकिन बयान में मुख्य बातें यह कि जो उनके पति से उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल ने अभद्रता, अपशब्द व अशिष्टता से बात किया वो नहीं लिखा और उसके अभद्रता के बाद उनके पति का स्वास्थ्य खराब हो गया, ये भी नहीं लिखा गया।
वहां सीओ कार्यालय में वहाँ के अधिकारी स्वयं बयान लिखकर व रिटायर्ड प्रिंसिपल रह चुके श्रीमती राजकुमारी देवी पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करा लिये और कहा कि थाने जाकर समझौता कर लेना।
पुन: उन्होंने आगे मुख्यमंत्री को कराए गए ऑनलाइन ईमेल में लिखा है कि सीओ कार्यालय में दिये गये बयान की कॉपी में उनके द्वारा किया गया हस्ताक्षर मान्य नहीं होगा। इसलिए उनके द्वारा आपको दिया गया पत्र ही उनका पूरा बयान है जिसे मैं पुनः संलग्न कर ईमेल किया गया है, उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री उनके साथ पूरा न्याय करेंगे।
आगे उस पत्र में राजकुमारी देवी ने लिखा है कि उनकी उम्र करीब 70 साल हो गई है, अतः जिस अधिकारी को बयान लेना हो वो हमारे घर आ सकता है , अधिक उम्र व गठिया रोग के कारण पति-पत्नी अधिक नहीं चल सकते व पति के सीने में अक्सर दर्द रहता है। पुलिस जनसेवक होती है वो कोई भी बयान लेने हमारे घर फोन करके आ सकती है ।
ज्ञात रहे कि हिन्दू महासभा की नेता रीता राय ने जौनपुर के एस0पी0 को फोन करके सारे घटना की पूरी जानकारी दिया था । तत्पश्चात एसपी जौनपुर नें मडि़याहूँ के सी0 ओ0 को फोन करके घटना की पूरी रिपोर्ट माँगी थी मगर सी0ओ0 मडि़याहूँ ने कोई विशेष दिलचस्पी नही दिखाया बल्कि उनके कार्यालय के अधिकारी आरोपी पुलिस अधिकारी बरसठी के बनारसी लाल को पूरी तरह बचाने में जुट गए और बोले कि जाकर बरसठी थाने में समझौता कर लेना इससे ये साबित हो गया पुलिस का असली चेहरा क्या होता है, जब पुलिस समाज के वरिष्ठजनों के साथ जब ऐसा कर रही है तो और आम लोगों के साथ क्या करती होगी । वैसे बरसठी पुलिस थाने में यातना देनें के लिए कुख्यात है । सन् 1982 के आस-पास बरसठी पुलिस नें एक दलित मुसहर को थाने में यातना देकर मार डाला था ।
वरिष्ठ जनों के उत्पीड़न का पूरा मामला इस प्रकार था
सपा के गुण्डा राज में वरिष्ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है
जौनुपर, बरसठी की पुलिस मामले की पूरी लीपा-पोती में जुटी
सपा के गुण्डा राज में वरिष्ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुर, ब्लॉक बरसठी, थाना बरसठी के अंतर्गत है । मालूम रहे कि बरसठी थाने का बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका सीएनओ नंबर 77217126 व मोबाइल नंबर: 07388791887 है, जो अत्यंत भ्रष्ट, रिश्वतखोर और बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करने वाला प्रकृति का है।
उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) नें ग्राम/पोस्ट परियत, जिलाः जौनपुर, उप्र के सम्मानित निवासी व करीब 70वर्षीय बुजुर्ग बीएमएस डॉ0 रमाकांत गुप्त/पुत्र स्वर्गीय इंसपेक्टर भगवती प्रसाद गुप्त व उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका राजकुमारी देवी के साथ पुलिसिया गुण्डई दिखाते हुए उनके साथ बहुत ही घटियां, शर्मनाक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया व एक अपराधी की तरह दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें थाने चलने को जबरन मजबूर कर रहा था, इस उपरोक्त अधिकारी के साथ दो पुलिस वाले और थे जो उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी का साथ दे रहे थे, उपरोक्त घटना 4 मार्च, 2016 दिन के करीब साढ़े बारह बजे की है ।
इतना ही नहीं डॉ0 रमाकांत गुप्त को थोड़ा कपड़े पहनने में देर होने पर उपरोक्त पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) ने अत्यंत गंदे व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया और बोला कि -‘‘जल्दी कर अभी तक तैयार नहीं हुआ तू‘‘। उपरोक्त पुलिस अधिकारी नें बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी के साथ गंदी व अशिष्ट अपशब्दों वाली भाषा का प्रयोग करते हुए बोला, ‘‘तुम यहाँ-वहाँ नाचना बंद कर, फाल्तू बकवास मत कर‘‘।
सनद रहे कि मामला जमीन से संबंधित था, डॉ0 रमाकांत गुप्त ट्रांसफार्मर के पास एक दीवार का निर्माण करा रहे थे क्योंकि गेद खेलते समय बच्चों का गेद ट्रांसफार्मर के पास चला जाता था जिससे बच्चों के प्राण जानें का खतरा बना रहता है। इस ट्रांसफार्मर हटाने की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से किया गया मगर अंधेर राज्य में जायज मांगे कभी पूरी ही नहीं होती। इस संदर्भ में उपरोक्त दीवान रिवश्वखोर अधिकारी नें ग्रॉम प्रधान से भी कोई बात भी नहीं किया।
70वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी राजकुमारी देवी रिटायर्ड सरकारी जूनियर स्कूल की प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं जो बुद्धिजीवी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिनके पढ़ाए छात्र एसडीएम, डीएम तक बन चुके हैं । लेकिन उनके साथ भी इस पुलिस अधिकारी नें गंदे, घिनौने व मर्यादाहीन शब्दों का प्रयोग किया, वो ऐसा कि पुलिस की वर्दी के आगे किसी का कोई सम्मान ही न हो मानो बस सब उस उपरोक्त अधिकारी के दास हों।
70 वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त पेशे से डॉक्टर हैं जो हमेंशा गरीबों के ईलाज में अपना जीवन न्योछावर कर दिया, जिनका जीवन बेहद सादगी से भरा और पवित्र रहा है । डॉ0 रमाकांत गुप्त का अपराध से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। इनकी उम्र करीब 70 वर्ष की है, क्या वे थाने में ले जानें लायक थे ? यदि उपरोक्त अधिकारी को कोई पूछताछ करनी थी तो उनकी उम्र देखकर उनके घर पर भी हो सकती थी।
उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) जो महादुष्ट, बर्बर व्यवहार का था उसकी दरिंदगी व अभद्र भाषा के बाद डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा उनके सीने का दर्द और बढ़ गया, उनको हार्ट अटैक आते-आते बचा जिसका ईलाज चल रहा है। ज्ञात रहे कि डॉ0 रमाकांत गुप्त के सीने में अक्सर दर्द होता रहता है जिसके लिए हमेंशा दवाएँ खाते रहते हैं। उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) के दुर्व्यवहार से बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा अगर उनको कुछ होता है तो उसके लिए भ्रष्ट, रिश्वतखोर बनारसी लाल (दीवान) व बरसठी थाने का थानाध्यक्ष जिम्मेदार होगा ।
डॉ0 रमाकांत गुप्त से उपरोक्त बरसठी थाने का (दीवान) द्वारा अपराधियों की तरह बर्ताव से वे बेहद मानसिक अवसाद में हैं क्योंकि वे पूरा जीवन सादगी से व्यतीत करने वाले समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं, जिनको किसी तरह के अपराध से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं रहा है। ज्ञात रहे कि बरसठी की बर्बर पुलिस अपने गंदे व घिनौने कामों के लिए कुख्यात है। सन् 1982 के करीब बरसठी की बर्बर पुलिस नें एक आदिवासी मुशहर को पीटते-पीटते मार डाला था जिसके चल्ते बहुत हंगामा हुआ था ।
ओर तो और इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति डॉ0 रमाकांत गुप्त व राजकुमारी देवी को रिश्वत देने के लिए बाध्य कर दिया, रिश्वत देने के बाद तब जाकर उस भ्रष्ट व रिश्वतखोर उपरोक्त (दीवान) ने बुजुर्ग दंपत्ति की जान छोड़ी। डॉ0 रमाकांत गुप्त, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी व उनका पूरा परिवार भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) के दुर्व्यवहार से बुरी तरह भयभीत व मानसिक सदमें में है ।
इस बुजुर्ग दंपत्ति नें उपरोक्त महाभ्रष्ट पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) की जौनपुर एसपी से शिकायत कर अविलंब दण्डात्मक कार्यवाही की मांग किया है । क्योंकि बरसठी थाने के दीवान नें 70वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति का घोर अपमान किया है, उनके साथ अमर्यादित, गंदे, अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है व उन्हें रिश्वत देनें के लिए मजबूर किया । उपरोक्त भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए थाने के बड़े, आला पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष ने पूरा एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है । थानाध्यक्ष महोदय मामले के लीपा-पोती में पूरी तरह से जुट गए हैं, वे पत्रकारों को बता रहे हैं कि ऐसा कुछ मामला था ही नहीं ।
उपरोक्त घटना की हिन्दू महासभा के वरिष्ठ अधिकारी पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र, रीता राय, रविन्द्र द्विवेदी नें तीव्र व कड़े शब्दों में निंदा की है व दोषी व भ्रष्ट पुलिस के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही की मांग की है, माँग पूरी न होने पर जनआंदोलन की शुरूआत करने की बात कही है ।
(लेखक एमबीबीएस डॉक्टर व फिल्म निर्माता है)