Author: संजय स्वदेश

(सं…)क्रांति को लाल सलाम!

अभी अभी दिल्ली में नारी सम्मान की रक्षा के लिए एक बड़ा आंदोलन उफान पर आया और बिफर गया। दिल्ली ...

मौत के मातम के बीच जन्मदिन का जश्न

जब रोम में आग लगी थी तो नीरो चैन से बंसी बजाते हुए कैसा दिख रहा था इसका आंखो देखा ...

नरक की भट्टी से निकलती हैं चूड़ियां

महिलाओं की कलाई में चार चांद लगाने वाली चूड़ियों की खनन भले ही सुनने वालों के मन को गुदगुदा देते ...

अंधेरे में आधा भारत

जुलाई के अंतिम दो दिन बिजली ने आधे भारत को गच्चा दे दिया। शहरी जिंदगी में हाहाकार मच गया। मतलब ...

भ्रष्टाचार करते हैं अफसर, बदनाम होते है विधायक

समाज में यह समान्य धारणा है कि नेता भ्रष्ट होते हैं। कमीशन लेकर लोगों को ठेका दिलाते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ ...

खून से बुझती पानी की प्यास

एक और पर्यावरण दिवस बीत गया. जल जंगल और वातावरण की चिंताओं के बीच प्रकृति को बचाने की संकल्प शक्ति ...

आंकड़ों में उलझी भूख की बेबसी

एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के मुताबिक देश की जनता को भुखमरी और कुपोषण से बचाने के लिए सरकार ...