Author: अर्पण जैन "अविचल"

तिजोरियों में जमा कालेधन को उजागर करने का मोदी का नया फंडा

500-1000 के नोट का चलन बंद विशेष: वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में देश के दूसरे बड़े राजनैतिक दल 'भारतीय जनता ...

पत्रकारिता : मानक नहीं मान्यता बदलना होगी

तेज गति से चलने वाले जनजीवन में पत्रकारो और पत्रकारिता का महत्व क्षणे-क्षणे कमतर होता जा रहा है, जनसामान्य ना ...

खून की दलाली बनाम राजनीतिक स्यापा

दिल्ली से लेकर दंतेवाड़ा, मुंबई से लेकर मीरपुर और बंगाल से बारामूला तक हिंद के जनमानस में केवल और केवल ...

पत्रकार हैं पक्षकार नही

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शहर मर भी रहा है

हर शहर की सरहद के उस पार से कुछ ठंडी हवाएँ हर बार जरूर आती है अपने साथ सभ्यताओं का एक पुलिंदा ...

प्रेम भी अपरिपक्व होने लगा हैं

स्त्री की देह तालाब-सी है, बिल्कुल ठहरी हुई सी उसमे नदी के मानिंद वेग और चंचलता कुछ नहीं फिर भी पुरुष उस ...

‘पशुधन’ नहीं, ‘धनपशु’ हैं आवारा

शहर में ट्राफ़िक सिग्नल के सामने, अस्पताल में लगे नीम के पेड़ के नीचे, रास्ते के किनारे, कचहरी के खुले ...

गाँव में खबरों का कुँआ हैं

ये उँची-लंबी, विशालकाय बहुमंज़िला इमारते, सरपट दौड़ती-भागती गाड़ीयाँ, सुंदरता का दुशाला औड़े चकमक सड़के, बेवजह तनाव से जकड़ी जिंदगी, चौपालों ...