
दिव्यांग व्यक्ति ने अपने परिवार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
जौनपुर, उप्र। ग्रॉम परियत, जौनपुर, उप्र के दिव्यांग व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को ईमेल करके उनसे अपने पड़ोसी के द्वारा जान से मारने व मुकदमा वापस लेने की धमकी से तंग आकर उनसे मदद की गुहार लगाई है। अपने पत्र में उसने मुख्यमंत्री को संबोधित करते 05 मई, 2025 के पत्र में लिखा है कि मेरा नाम विजय शंकर मिश्रा पुत्र स्व0 लाल जी मिश्र ग्राम : परियत (टिकरान), थाना : बरसठी, तहसील: मड़ियाहूं, जिला : जौनपुर, उप्र पिनकोड : 222162 है। आगे उसने पत्र में लिखा है कि विदित हो कि मेरे पड़ोसी से जमींन विवाद चल रहा है जिसमें हमें न्याय के लिए सिविल कोर्ट, जौनपुर के शरण में जाना पड़ा और वहां विजय शंकर वनाम हृदय नारायन मुकदमा संख्या : 503/2022, चल रहा है। और कोर्ट में केस चलने के कारण उपरोक्त जमींन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता यानि की यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए मगर उपरोक्त दबंग व गुण्डा किस्म का बत्तमीज प्रकृति का व्यक्ति है और मुकदमा होने के बावजूद अपनी दबंगई दिखाते हुए वह जबरन दिवाल आदि का निर्माण कार्य कर रहा है और अब उस पर सिलाप डलवाने की व्यवस्था कर रहा है। और, आगे दिव्यांग ने मुख्यमंत्री को अपने पत्र में लिखा कि उसने अपने पड़ोसी से कहा कि अभी मुकदमा चल रहा है तुम इस पर कोई निर्माण कार्य नहीं करवा सकते तब उसने कहा कि मेरे पास मुकदमे चलने वाली जमींन पर निर्माण कार्य करने का आदेश है इसलिए मैं निर्माण कार्य करूंगा। किंतु जब दिव्यांग विजय ने अपने पड़ोसी से कहा कि तुम्होर पास निर्माण करने का आदेश जो कोर्ट ने दिया है उसे दिखाओ तब उसने कहा, नहीं दिखाउंगा।
और, आगे मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए जौनपुर जिले के परियत गॉंव का निवासी दिव्यांग विजय ने लिखा है कि जब वो सिविल कोर्ट में जाकर विजय शंकर वनाम हृदय नारायन मुकदमा संख्या : 503/2022 में यह प्रश्न किया कि प्रतिवादीगण को क्या निर्माण कार्य करने का आदेश है तो कोर्ट ने कहा : नहीं। आगे दिव्यांग ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा जब भी वो अपने दबंग पड़ासेी से निर्माण कार्य रोकने को कहता हूं तो गुण्डा प्रकृति का जयशंकर मुझे पूरे परिवार सहित प्राण लेने की धमकी देता है, आगे कहता है यदि तुम मुकदमा वापस ले लो और सारे जमींन के कागजात मुझे दे दो वर्ना तुम्हें तुम्हारे घर में ही बंद करके बाहर से पेट्रोल छिड़कर आग लगा दूंगा और तुम सब जलकर खाक हो जाओगे।
दिव्यांग ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अपने व पूरे परिवार की रक्षा हेतु मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है व निर्माण कार्य को अविलंब रोकवाने को लिखा है।