घूस के घेरे में कांग्रेस

अगस्ता वैस्टलैंड सौदे में घूसबाजी के खुलासे के बाद संसद में हंगामा मचा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं पर सौदा तय कराने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह माना जा रहा है कि खुलासा होने के बाद सोनिया गांधी फंस सकती है। इस डर के कारण कांग्रेस की तरफ से संसद पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। नेशनल हेराल्ड मामले के बाद अब अगस्ता वैस्टलैंड सौदे में इतालवी अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस के नेता सवालों के घेरे में है। भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी अगस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था। यह सौदा तत्कालीन कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान हुआ था। उस समय वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे। खुलासा हुआ है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे का 10 फीसदी घूस में दिया गया। लगभग 350 करोड़ रुपए की घूस दी गई थी। इसमें 125 करोड़ रुपये की घूस भारत में दी गई थी। इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकैनिका कंपनी के प्रमुखों को घूस देने का दोषी माना है। दोनों कंपनी के प्रमुखों को साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। अब मसला यह है कि घूस का पैसा किसे दिया गया और इसी सवाल को लेकर संसद में हंगाम चल रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो सौदेबाजी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख से पूछताछ में लगा है।

खुलासा हुआ है, तो सौदे के किरदार भी सामनें आएंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी कहा है कि संसद में आधिकारिक बयान दिया जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से यह भी बताया जाएगा कि वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए पहले क्या नियम तय किए गए थे और फिर एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें कैसे बदला गया। रक्षा उत्पाद बनाने वाली अगस्ता वेस्टलैंड की मातृ कंपनी- फिनमेकैनिका के अफसरों द्वारा भारत में नेताओं और अधिकारियों को घूस देने के आरोपों की जांच कर रही इतालवी अदालत में कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिसमें ‘सिगनोरा गांधी’ का नाम है। मार्च 2008 में इस सौदे के मुख्य बिचौलिये क्रिसचन मिचेल द्वारा भारत में अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख पीटर हुलेट को लिखी चिट्ठी भी अदालत के सामने आई है। इस चिट्ठी में ‘सिगनोरा गांधी’ की ‘वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में मुख्य भूमिका बताई गई है।

साल 2013 में अगस्ता वेस्टलैंड के अधिकारी गुसिप ओर्सी ने अपने पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र किया था । पत्र में लिखा था कि इटली के  प्रधानमंत्री या किसी वरिष्ठ राजनयिक को उन्हें फोन करना चाहिए। ओर्सी इस भ्रष्टाचार के आरोपों में इस समय जेल में बंद है। सौदे के बिचौलियों के पास से जब्त हाथ से लिखे दस्तावेजों को सबूत मानकार ही इटली की अदालत ने सजा सुनाई है। अभी यह साफ होना है कि भारत में घूस की रकम किसे दी गई। इस कागज में संकेतों में एफ, डीएस, जेएस नाम लिखे हैं राजनीति में एपी और फैम नाम लिखा है। इन नामों के आगे ही घूस में गई रकम भी लिखी है। पत्र में मिसेज गांधी का जिक्र है। यह कहा गया है कि सोनिया वीवीआईपी हेलिकॉप्टर बदलना चाहती थीं। उस समय एमआई 8 हेलिकॉप्टर वीवीआईपी सफर करते थे। साफ है कि सौदा तय करने में उनकी बड़ी भूमिका थी। पत्र में उनके करीबी सात लोगों के नाम भी हैं।

अब यह भी सामने आ रहा है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी ने हेलीकाप्टर खरीद में इटली में फील्ड ट्रायल पर की शर्त पर आपत्ति जताई थी। उनकी राय में भारत में चॉपर का ट्रायल होना चाहिए था। इटली में ट्रायल होने पर गड़बड़ी की संभावना जताई गई थी। कांग्रेस के नेताओं ने और सोनिया गांधी ने उनकी सुनी को अनसुनी कर दिया। एंटनी के एतराज को कैग की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। एंटनी की राय थी कि अगर इसका ट्रायल देश में न होकर विदेश में किया जाता है तो इसकी विश्वसनीयता की क्या गारंटी क्यो होगी। फाइल में उन्होंने कमेंट भी लिखा कि इटली में ट्रायल की इजाजत नहीं दी जा सकती। वर्ष 2012 में यह घोटाला सामने आया। घोटाले के हंगामे के बीच 2013 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया। इसका मतलब साफ है कि इस समय सोनिया गांधी का बचाव कर रहे एंटनी को लग गया था कि सौदेबाजी की शर्तें नियमों के विपरीत हैं।

इसके वावजूद तत्कालीन सरकार ने घोटाले के आरोपों के बाद भी इटली की इस कंपनी को काली सूची में नहीं डाला था। भारत सरकार ने यह सौदा अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हैलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का नाम है फिनमेकैनिका। अगस्ता वेस्टलैंड हैलिकॉप्टर के सौदे में कंपनी शर्तों पर खरी उतरे, इसके लिए शर्तो में बदलाव कर दिया गया। शर्तें आसान बनाने के लिए ही कंपनी ने नेताओं और अफसरों को घूस दी। फिनमेकैनिका कंपनी ने पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को भी घूस दी थी। इटली के अदालत के फैसले में कई जगह त्यागी के नाम का जिक्र किया गया है। त्यागी पर आरोप है कि उनके वायुसेनाध्यक्ष रहते हुए हेलीकॉप्टर के मापदंड बदलाव किए। मापदंड में बदलाव के बाद ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने के लिए किया गया था। इसके लिए हेलीकॉप्टर की उड़ान 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दी थी। सीबीआई की पूछताछ में त्यागी कह रहे हैं कि ये सब ऊपर के लोगों ने किया। जाहिर है कि त्यागी का इशारा किस तरफ है। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी हेलिकॉप्टर सौदा मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच के सिलसिले में त्यागी को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी का कहना है कि घूस लेने में शामिल नेताओं, नौकरशाहों और वायुसेना के अफसरों की पहचान हो गई है। घूस में मिला धन विदेशी बैंकों में जमा है। किन बैंकों जमा है, यह भी खुलासा हुआ है। कांग्रेस केंद्र सरकार पर यह आरोप लगा रही है कि सत्ता में आने के बाद मामले की जांच क्यों नहीं कराई। साथ ही भाजपा पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगा रही है। हैरानी की बात यह है कि इटली की अदालत के फैसले के बाद ही कांग्रेस के नेताओं पर सवाल उठे हैं। अगर सीबीआई या ईडी जांच के बाद कार्रवाई करता तो भी कांग्रेस केंद्र पर आरोप लगाता। अब तो बस पूरे खुलासे के साथ ही कांग्रेस के नेताओं के खराब दिन आने का इंतजार है।