कोई आतंकी जिंदा अब नहीं चाहिए।
मैदान ए जंग में अब हिसाब होना चाहिए।।
शहीदों की शहादत को देश का सलाम।
वीरों का बलिदान व्यर्थ न जाना चाहिए।
तेरे दूध का कर्ज मैने चुका दिया मॉं
इससे बढ़कर मुझे और क्या चाहिए।
शोक में डूबा है है देश गम में आपके
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि स्वीकार कीजिए।
पाक के सब्जबाग में मत आइये “रतन”
पृथ्वीराज चौहान का संज्ञान लीजिए।
कब तक इस जुल्म को सहते रहेंगे ?
लादेन जैसा हश्र इनका भी होना चाहिए।
आक्रोश की आग से जल रहा है देश
“ना भूलेंगे ना छोड़ेंगे” जान लीजिए ।
एक बात गौर से, सुन लीजिये हुजूर
धारा तीन सौ सत्तर, हटा दीजिये ।।
रतन चंद्र जायसवाल