वीणा वादिनि !

वर दे, वीणा वादिनि !

सुधाकर अदीब प्रकृति जब शीतकाल के अवसान के पश्चात् नवल स्वरुप धारण करती है, तब मनुष्य धरती पर विद्या और संगीत ...