भ्रष्ट अधिकारियों ने जौनपुर (उप्र) में लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी तरह फेल कर दिया है

रविन्द्र कुमार द्विवेदी

                                               जौनपुर डीएम कार्यालय  भ्रष्टाचार के कारण 6 महीने बाद भी नहीं करा पाया सिविल कोर्ट के आदेश का पालन

मुख्यमंत्री को गलत रिपोर्ट भेज रहा है भ्रष्ट मड़ियाहूं प्रशासन

                                                                                                             भाग—1

जौनपुर, उप्र। जिस जिले,  प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी रहते हैं वहां के गरीबों का जीना दूभर हो जाता है। ऐसे ही कुछ उप्र के जौनपुर जिला में हो रहा है। वहां मड़ियाहूं तहसील के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण वहां गरीबों, बुजुर्गों का जीना मुश्किल हो गया है। ज्ञात हो कि उप्र के जौनपुर जिले में ग्राम-पोस्ट परियत की 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला राजकुमारी को उनकी ही बाउंड्री में एक भूमाफिया दबंग गेट नहीं लगवाने दे रहा है, जब भी वो गेट लगवाना चाहती हैं वे सब हिंसक रूख अपना लेते हैं।

भ्रष्टाचारी  रामशिरोमणि लेखपाल मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को गलत रिपोर्ट बनाकर भेजने में सबसे अव्वल

आगे, मड़ियाहूं तहीसील के अंतर्गत ग्रॉम परियत का महाभ्रष्ट व धोखेबाज लेखपाल राम शिरोमणि प्रजापति ने गलत-गलत रिपोर्ट लगाकर उप्र के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक को झूठा व फर्जी रिपोर्ट भेजकर भ्रमित कर देता है। इसके बाद उपरोक्त लेखपाल का कहना है कि राजकुमारी जी गेट लगवाने के लिए कोर्ट जाकर अनुमति लाएं ।

 अंत में राजकुमारी जी ने सिविल कोर्ट में अपील दायर कर सिविल कोर्ट का आदेश  मार्च 2021 के प्रथम सप्ताह में लेकर आई  मगर आज तक उस आदेश को जौनपुर का भ्रष्ट शासन-प्रशासन पूरी तरह से अनुपालन नहीं करा पाया।

     उपरोक्त सिविल कोर्ट के आदेश पर मड़ियाहूं के एसडीएम ने उन्हें पुन: कोर्ट में अनुतोष प्राप्त करने को कह रहे हैं। राजकुमारी जी के बेटे सुधीर कुमार एसडीएम से पुलिस सहायता करवाने को कहा तो वो डायरेक्ट पुलिस को आर्डर नहीं किये, वे चाहते तो डोकुमेंट चेक कर पुलिस को आर्डर कर सकते थे, क्योंकि जमीन-जायदाद का मालिक एसडीएम ही होता है, वे पुलिस को यह लिखा कि पत्रावली जांच कर उचित कार्यवाही करें जिसके बारे में एसपी कार्यालय से बात हुई तो वे कोई भी सुरक्षा आदि देने से साफ मना कर दिया।

राजकुमारी जी  ने दिनांक: 07: 04: 2021 जौनपुर के डीएम के ईमेल कर सारी जानकारी दी मगर अभी तक उसके कोई परिणाम नहीं आए जिसमें उन्होंने सिविल कोर्ट के आदेश को भी उसमें लगाकर भेजा था।  राजकुमारी जी जब दूसरी बार कोर्ट गईं तो  जज साहब ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कंटेम्प्ट आफ कोर्ट का केस करने को कह रहे हैं।

इतना ही नहीं दिनांक 19/08/2021 को राजकुमारी जी ने पुन: यूपी के सीएम को आनलाइन शिकायत करके एक सप्ताह ​के भीतर आख्या देने को कहा था किन्तु भ्रष्टाचारी लेखपाल पुन: एक बहाना बनाया कि इसमें सिविल कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं लगी हुई है जबकि उस दुष्ट लेखपाल ने जब राजकुमारी जी के बेटे के फोन पर काल किया तो उसे सिविल कोर्ट के आदेश की कॉपी ह्वाट्सअप पर भेजी गई लेकिन उसके भू​माफियाओं से बहुत पहले से ही सांठगांठ के कारण सही आख्या नहीं लगा पाया। इतना ही नहीं भ्रष्ट लेखपाल राम शिरोमणि ने राजकुमारी जी के बेटे से फोन पर  झांसा देते हुए बोला जो आपने सिविल कोर्ट का आर्डर लाया है वो स्टे आर्डर कैंसिल होने के कागजात है।

जब न्यायपालिका के आदेश का पालन शासन-प्रशासन नहीं करा पाए तो वहां एक प्रकार से अराजकता का माहौल हो जाता है, कुछ ऐसी ही स्थिति जौनपुर, उप्र में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण हो गई है। डीएम जौनपुर भी इन भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल लगाने में पूरी तरह नाकाम दिख रहे हैं।