समर्पण और सेवा के पर्याय नरेंद्र मोदी

सात वर्षों से देश के प्रधान सेवक का दायित्व निभा रहे हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 20 वर्ष पहले 7 अक्तूबर 2001 में गुजरात में मुख्यमंत्री का पद संभाला था। उस समय गुजरात विनाशकारी भूकंप की भारी विपदा का सामना कर रहा था। कच्छ और भुज के कई इलाके पूरी तबाह हो गए थे। उस समय उम्मीद की किरण बनकर राज्य की कमान संभालने वाले नरेंद्र मोदी के 13 वर्षों के नेतृत्व में गुजरात विकास के मामले में अग्रणी बनकर उभरा। मोदी के प्रयासों के कारण कच्छ-भुज आज हस्तकला और पर्यटन के क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पर छाये हुए हैं। गुजरात की जनता को भूकंप की विभीषिका और दंगों की साजिश से निकालकर विकास के पथ पर आगे बढ़ाने वाले नरेंद्र मोदी की पूरा देश मुरीद हो गया और 2014 में देश की कमान सौंप दी। पहले हम विकास, तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान में शोध, रक्षा उपकरण आदि मामलों में अन्य देशों की तरफ ताकते थे। पिछले सात वर्षों में भारत दुनिया में एक ताकत बनकर उभरा है। दुनियाभर के देशों की उम्मीदों पर नरेंद्र मोदी पूरी तरह खरे उतरे हैं। ऐसे ही कोई मोदी नहीं बन जाता। इसके लिए मोदी जैसा त्याग, तपस्या, सेवा, जनता के प्रति समर्पण, विकास की तरफ ले जानी वाली योजनाएं-कल्पनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प और आतंकवाद को समाप्त कर भारत में शांति स्थापित करने की दृढ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।

पूरा देश 17 सितंबर को मोदीजी का जन्मदिन मनाने की तैयारी में जुटा है। भारतीय जनता पार्टी के करोडों कार्यकर्ताओं ने मोदीजी के जन्मदिवस से लेकर उनके पहली बार मुख्यमंत्री पद संभालने की तिथि तक सेवा और समर्पण अभियान चलाने का संकल्प लिया। पूरे देश में जोरदार तैयार हो रही हैं। कार्यकर्ता पूरे उत्साह से सेवाकार्यों में जुटे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव का भी यह पवित्र अवसर है। स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के साथ आजादी की लड़ाई के सिपाहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ऐसा भी पहली बार होगा कि किसी भी जिले में स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े स्थानों पर किसी प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा। रक्तदान, अन्नदान, सफाई अभियान और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों, वंचितों, वनवासियों, महिलाओं और छात्रों को देश की प्रगति की जानकारी दी जाएगी।

यह भी एक बड़ा संयोग है कि सेवा और समर्पण अभियान के मध्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्तूबर और राजनीति में हमारे मार्गदर्शक एवं अंत्योदय तथा एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 25 सितंबर को जयंती हैं। दीनदयालजी के अंत्योदय के मंत्र को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तरह साकार करने का बीड़ा उठाया है। केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय से प्रेरणा लेकर कई योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों में 200 से ज्यादा प्रधानमंत्री योजनाएं चल रही हैं। इन सबका उद्देश्य ही महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की समाज के सबसे दबे-कुचले लोगों को सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनाना है। कमजोर वर्गों को बराबरी का अधिकार दिलाना ही प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता में है। गरीबों, वंचितों, आदिवासियों और महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से एक बड़ा संबल मिला है। आठ करोड़ से ज्यादा परिवारों को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर दिए जाने के बाद उनके विकास के नए रास्ते खुले हैं। करोड़ों गरीब परिवारों की लड़कियों को लकड़ी बीनने के काम से मुक्ति मिली है और उनके स्कूल जाने का रास्ता खुला है। महिलाओँ को धुएं से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिला है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि केंद्र की हर योजना का पूरा लाभ लोगों को मिल रहा है। केंद्र की ईमानदार मोदी सरकार की किसी योजना में कोई भी तंत्र भ्रष्टाचार नहीं कर सकता है।