भारत में दूध की चाय पीना अधिकतर लोगों के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा हो चुका है। उच्च शिक्षा प्राप्त, उच्च पदस्थ और आम लोग दूध की चाय का सेवन बड़े शौक से करते हैं। ऐसे लोगों को नहीं पता कि चाय की हर एक घूंट के साथ वे अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां पर दूध की चाय के कुछ संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी दी जा रही है:
कैफीन का अधिक सेवन: दूध की चाय में कैफीन होता है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर अनिद्रा, चिंता, और हृदयगति में वृद्धि कर सकता है।
एसिडिटी: दूध की चाय अधिक पीने से एसिडिटी और पेट में जलन हो सकती है, खासकर खाली पेट पीने पर। साथ बिस्कुट का सेवन तो और भी घातक है।
लैक्टोज असहिष्णुता: कुछ लोगों को दूध में मौजूद लैक्टोज से असहिष्णुता हो सकती है, जिससे पेट दर्द, अपच, और दस्त की समस्या हो सकती है।
दांतों का पीलापन: नियमित रूप से दूध की चाय पीने से दांतों का रंग बदल सकता है और दांतों में पीलापन आ सकता है।
मोटापा: दूध और चीनी से बनी चाय का नियमित सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी अधिक होती है।
कब्ज: चाय में टैनिन्स होते हैं, जो आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं और कब्ज की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। वर्तमान में भारत में 80 फीसदी से अधिक लोगों का पेट खराब है। जिसमें चाय का बड़ा योगदान है। जो लोग सुबह खाली पेट दूध की चाय पीते हैं, उनमें से अधिकांश का पेट अवश्य ही खराब मिलेगा।
ब्लड प्रेशर: चाय में मौजूद कैफीन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोग की संभावना बढ़ सकती है। हाई ब्लड प्रेशर भी भारत में महामारी की तरह से फैल रहा है। दूध की चाय पीने वाले ब्लड प्रेशर रोगियों को चाय छोड़ने पर विचार करना चाहिये।
एनर्जी लेवल में उतार-चढ़ाव: कैफीन का प्रभाव खत्म होने पर ऊर्जा स्तर में कमी आ सकती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है।
पोषक तत्वों का कम अवशोषण: चाय में मौजूद टैनिन्स, कुछ पोषक तत्वों, जैसे आयरन और कैल्शियम, के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं।
डिहाइड्रेशन: कैफीन का डायूरेटिक यानी मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जो शरीर से पानी को बाहर निकाल सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
यहां यह बात भी समझने की है कि उपरोक्त सभी दुष्प्रभाव, सभी लोगों में समान रूप से नहीं होते और इनका प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति, चाय के सेवन की मात्रा और सेवन की आवृत्ति यानी बारंबारता पर निर्भर करता है। यदि आप नियमित रूप से दूध की चाय पीते हैं और आपको दूध की चाय पीने से उपरोक्त में से कोई भी स्वास्थ्य समस्या हो रही है, तो आपको इसे तुरंत कम करने या त्यागने के बारे में विचार करना चाहिए। यदि आप चाय के आदी हो चुके हैं। इस कारण इसे छोड़ने में दिक्कत हो रही है तो आपको तुरंत किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। मैं होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करवाकर हजारों लोगों को दूध की चाय सहित अनेक प्रकार ही एडिक्शन से मुक्ति दिलवाने में सफलतापूर्वक सहयोग कर चुका हूँ।