राजनीतिक

भारत का अखंड स्वरुप
कहा जाता है कि वीर सावरकर की अस्थियाँ अभी भी उनके वंशजों के पास सुरक्षित हैं । वे अपनी मृत्यु ...
आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ
आपातकाल की घोषणा २५ जून १९७५ को हुई थी । रेडियो पर ख़बर आई होगी । मैंने तो नहीं सुनी ...
बचाऍं गॉंधी और सावरकर को !
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वही किया, जो भारत के प्रधानमंत्री को करना चाहिए था| उन्होंने भारत सरकार को उस ...
बेजोड़ मधु लिमये
श्री मधुजी से मेरी पहली भेंट कब हुई, मुझे ठीक से याद नहीं। शायद डाॅ. लोहिया के घर पर। श्री ...
वाजपेयी के माथे पर इंदिरा का मुकुट
पोकरण-दो’ भारत की संप्रभुता का शंखनाद है जबकि ‘पोकरण-एक’ उसकी परमाणु क्षमता का उदघोष मात्र् था| वह अजब स्थिति थी ...
केजरीवाल : चेहरा या मुखौटा ?
किसी को इंदिरा गांधी का सिडिंकेट से लड़कर मजबूत नेता के तौर पर उभरना याद आ रहा है तो किसी ...
डा० भीम राव आम्बेडकर का राष्ट्रीय स्वरुप
भारत के सामाजिक सांस्कृतिक आन्दोलन को जिन्होंने नई दिशा दी , ऐसे डा० भीम राव आम्बेडकर , का समग्र मूल्याँकन ...
महाराजा हरि सिंह की जीत को नेहरु ने पराजय में बदल दिया
जम्मू कश्मीर के चुनाव सिर पर हैं तो ज़ाहिर है राज्य में महाराजा हरि सिंह की चर्चा होगी ही । ...
सरदार पटेल ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पंडित नेहरु
देश में सरदार पटेल की सबसे ऊँची मूर्ति स्थापित करने का निर्णय गुजरात सरकार ने पहले ही कर लिया था ...