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मैं ऐसा क्यों हूं ?
आखिर हम इतने निर्ल्लज, बेशर्म, बेहया क्यों बनते जा रहे हैं कि हर अच्छे काम के लिए कोर्ट हमें अर्थात् ...
बम धमाकों से दहल गई मुंबई
मुंबई एक बार फिर दहल गई है। जवेरी बाजार, ऑपेरा हाउस और दादर में धमाके हुए। 21 लोगों के मारे ...
आतंक की राजधानी
मुंबई को अब तक हम देश की आर्थिक राजधानी कहते रहे हैं। कुछ लोग इसे ग्लैमर की राजधानी भी मानते ...
माया तेरे राज में महिलाओं पर गाज
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री स्वभाववश काफी सख्त,प्रशासन पर मज़बूत पकड़ रखने वाली तथा अपराध व अपराधियों से सख्ती से निपटने ...
मरते किसानों पर शोक या चकाचौंध अर्थवयवस्था पर जश्न
दिल्ली से आगरा जाने के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 24 आजादी से पहले से बना हुआ है। इस रास्ते आगरा ...
लादेन के बाद भारत की मुश्किल
दुनिया के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देश ने आतंकवाद के खिलाफ अपने तरीके से न्याय किया। और दुनिया का सबसे बडा ...
कॉरपोरेट, सियासत और मनमोहन मंत्रिमंडल
कॉरपोरेट के लिये रेड कारपेट बिछाने वाले मनमोहन सिंह कॉरपोरेट के हितों को साधने वाले मंत्रियों पर निशाना भी साध ...
आतंक की जांच पर आंच ही आंच
रूस में स्टालिन के ज़माने का एक किस्सा है, स्टालिन से मिलने चार ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमण्डल आया था। स्टालिन ...
छदम लोकतंत्र बनाम गुण्डातंत्र
लोकतंत्र का, संविधान का, नियमों का जितना दुरूपयोग जनप्रतिनिधि होने के नाम पर जनप्रतिनिधियोंने किया है शायद ही किसी अन्य ...