देश की समस्या

जनता और नेताओं के बीच यह अंतर क्यों

      लोकतंत्र में  देश  की प्रजा उसका शरीर होती है लोकतंत्र उसकी आत्मा जबकि लोगों के लिए  , ...

क्यों नौजवान देश छोड़ना चाहते?

      ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में छपे एक सर्वेक्षण ने आज मुझे जरा चौंका दिया। इसके अनुसार देश के पढ़े-लिखे ...

कैलेण्डर ही नहीं, तकदीर भी बदले

      एक और वर्ष अलविदा हो रहा है और एक नया वर्ष चैखट पर खड़ा है। उम्र का ...

एसोचैम की बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत

     बड़े नोटों को बंद करने का निर्णय जिस तरह से सामने आया, उसके बाद देशभर से मिली-जुली प्रक्रिया ...

मोदी के गुजरात भाषण का मूल सारांश

गुजरात के डीसा में अमूल की नई इकाईयों के शुभारंभ पर किसानो को दिए गये प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल ...

उचित नहीं धार्मिक विषयों का राजनीतिकरण

                हमारे देश में राजनेताओं द्वारा लोकलुभावन राजनीति किए जाने की शैली ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है ...

नोटबंदी का शीर्षासन

      नोटबंदी इसीलिए हुई ताकि कालाधन और भ्रष्टाचार समाप्त हो। इसके उद्देश्यों की जितनी प्रशंसा की जाए कम ...

प्रधानमंत्री क्यों लोगों में अनैतिकता फैलाए?

     मुरादाबाद की अपनी सभा में नरेंद्र मोदी फिर बरसे। अपने विरोधियों पर बरसे। लेकिन मोदी की भी क्या ...

हर आंख में एक सपना है…

       पानी, बिजली, खाना, शिक्षा, इलाज,घर, रोजगार बात इससे आगे तो देश में कभी बढी ही नहीं । ...

काश ! मोदी जी के समाजवाद का सपना सच हो जाए

      देश के शहर दर शहर घूम लीजिये। बाजारों में चकाचौंध है। दुनिया भर के ब्रांडेड उत्पाद से ...