Author: पुण्य प्रसून बाजपेयी

पुण्य प्रसून बाजपेयी के पास प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है। प्रसून देश के इकलौते ऐसे पत्रकार हैं, जिन्हें टीवी पत्रकारिता में बेहतरीन कार्य के लिए वर्ष 2005 का ‘इंडियन एक्सप्रेस गोयनका अवार्ड फ़ॉर एक्सिलेंस’ और प्रिंट मीडिया में बेहतरीन रिपोर्ट के लिए 2007 का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला।

दंगों की छांव में सियासी जश्न
आजादी के बाद यह पहला मौका है जब केन्द्र सरकार ने दंगों की आशंका जताते हुये 12 राज्यों को पहले ...
सुप्रीम कोर्ट का हंटर बनाम दागी नेताओं की मोटी खाल
पीवी नरसिंह राव और शिबू सोरेन। एक देश का प्रधानमंत्री तो दूसरा प्रधानमंत्री की कुर्सी बनाये रखने के लिये करोड़ ...
फिर याद आई इशरत….
गुजरात हाई कोर्ट के निर्देश पर इशरत जहां एनकाउंटर केस में दाखिल की गई चार्जशीट में सीबीआई ने साफ तौर ...
बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को जरुरत है नरेन्द्र मोदी की !
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पहली बार चुनावी राजनीति के मंथन के लिये तैयार हो रहा है। 12 जुलाई से नागपुर ...
अपनी छवि से जुझते मोदी
नरेन्द्र मोदी की माया और मोदी के बाबू। 2002 से लेकर 2007 तक तक तो हर जुबान पर यही रहा। ...
खेत ची जमीन श्मशान आहे…. : महाराष्ट्र सूखा-आखिरी पार्ट
सत्ता की मस्ती में मरते किसान ए खेत ची जमीन नाही..श्मशान चे जमीन आहे। संयोग से यह बात विदर्भ से लेकर ...
पानी गटक गई शुगर लॉबी : महाराष्ट्र सूखा- पार्ट 2
लातूर एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे शुगर लॉबी ने पानी से लेकर खेती तक को हड़प लिया। 1972 के ...
बेइज्जत होता किसान-महाराष्ट्र सूखा पार्ट-1
महाराष्ट्र में सूखा सिर्फ किसानों के लिये है। खेती की जमीन के लिये है। उद्योंगों, शुगर फैक्ट्री, पांच सितारा होटल ...
सिर्फ अपने में सिमट गया है आरएसएस
संघ अछूत हो या ना हो लेकिन संघ सर्वमान्य नहीं है, इस सच को तो संघ भी नकार नहीं सकता ...