आपको मुझसे क्यूँ मुहब्बत है

सारी दुनिया को इससे हैरत है,

आपको मुझसे क्यूँ मुहब्बत है!

दोस्ती का हुनर सिखाती है,

कितनी दिलकश तेरी अदावत है!!

झुठ को सच का रंग दे देना,

इस नये दौर की रवायत है!

मेरी सूरत मेँ तु नजर आए,

आईने की कोई शरारत है!!

तेरी आँखेँ हैँ मेरी आँखोँ मेँ,

क्या यही माजरा कयामत है!

बेवफाई का जहर पी बैठेँ,

हम दीवानोँ की ये शराफत है!!

फैसला कर गुनाह-ए-उल्फत का,

तेरा कूचा मेरी अदालत है!!

 

नीरज कुमार निराला

2 thoughts on “आपको मुझसे क्यूँ मुहब्बत है

  1. wah wah!namaste adarniye rajiv ji aapka prayas kabiletarif hai.behad shukriya!shubhkamnayen!

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