क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं, जौनपुर उप्र की दिल्ली से लखनऊ तक उठी बर्खास्तगी की मांग

                                                          राष्ट्रपति को पक्षपातपूर्ण झूठी रिपोर्ट सौंपी
 

                             रविन्द्र कुमार द्विवेदी की कलम से

 

      भ्रष्ट क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं को अविलंब बर्खास्त कर देना चाहिए, ये थाना बरसठी एसओ श्याम दास वर्मा के साथ खूब लूट—मार मचाये थे। ये अधिकारी पुलिस विभाग में एक कलंक है जिसके कारण अच्छे पुलिस अधिकारी भी बदनाम होते हैं। इसके विरूद्ध अविलंब कार्यवाई किया जाए वर्ना पुलिस विभाग को ये पूरी तरह से बदनाम कर देंगे। उपरोक्त शिकायत जौनपुर, उप्र की 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला राजकुमारी जी ने गत दिनों राष्ट्रपति से अपने शिकायत पत्र में किया।

      सनद रहे कि क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं, जनपद जौनपुर ने दिनांक 04 अगस्त, 2021 को राष्ट्रपति को एक  आख्या पत्र सौंपा जिसमें लिखा था कि ''आवेदिका  राजकुमारी  उक्त आबादी की भूमि पर दरवाजा खोलने के उद्देश्य से आवेदिका के पुत्र सुधीर कुमार पुत्र रमाकांत गुप्त द्वारा वर्ष 2020 में प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसकी जांच क्षेत्रीय लेखपाल राम शिरोमणि द्वारा मौके पर जाकर किया गया तो जिस भूमि पर आवेदिका दरवाजा खोलना चाहती थी वह भूमि अ0 नं0 817 छ आबादी खाते की भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज होना पाया गया।''

 इस तरह क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं की उपरोक्त अनर्गल बातें पूरी जो पूरी तरह तथ्यहीन हैं, ये बातें 23.08.2021 को राष्ट्रपति को दी गई अपनी शिकायत में कहा।

राजकुमारी जी द्वारा राष्ट्रपति को दिये पत्र के अनुसार सच्चाई यह है कि अ0 नं0 817 छ आबादी खाते की भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज होना पाया गया लेकिन जहां वे स्वयं दरवाजा खोलना चाहती है  वो 817 छ है, पूरी तरह तथ्यहीन और गलत है।

   ज्ञात हो कि 2016 में ही उस समय के तत्कालीन परियत के लेखपाल ने बरसठी पुलिस को दिये अपनी 21—04—2016 की रिपोर्ट में लिखा था कि ''विपक्षी यानी सुरेश चंद गुप्ता अपनी भूमि में निर्माण कार्य कर चुका है।''

            सनद रहे कि जिस रास्ते में आवेदिका अपना दरवाजा खोलना चाहती है वहां  विपक्षी सुरेशचंद गुप्ता द्वारा रास्ते में जबरन गुंडागर्दी से नाली बहाने व लोगों को आने—जाने से मना कर दिया तो गॉंव की जनता ने मुख्यमंत्री के आनलाइन पोर्टल पर शिकायत किया तो मड़ियाहूं प्रशासन ने सुरेशचंद को फटकारा और डांटा और उसे उस रास्ते में नाली बहाने से मना किया, एसडीएम के नेतृत्व में मड़ियाहूं प्रशासन की टीम आकर निरीक्षण किया और कहा कि यह आबादी व आम रास्ता है और रास्ता पूरी तरह खुला है। उपरोक्त बातें तत्कालीन उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं ने अपने 2016 की रिपोर्ट में भी लिखा है जिसे कोई भी देख सकता है।

    आगे राजकुमारी जी ने कहा कि क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं, जौनपुर जिनका नाम संत प्रसाद उपाध्याय है इन पर  कई लोगों ने गंभीर—गंभीर आरोप लगा चुके हैं वो पैसा के लिए एकदम नीचता व भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर जातें हैं।

     उन्होंने पुन: कहा कि भ्रष्ट अधिकारी क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं ने एक बार भी अपनी रिपोर्ट में मेरे द्वारा लाए गए सिविल कोर्ट के आर्डर का जिक्र नहीं किया  जिसमें यह लिखा है कि मैं पूर्व दिशा में गेट लगवा सकती हूं व कोई भी निर्माण कार्य कर सकती हूं। मुझे निर्माण कार्य करने से न रोका जाए व विपक्षी को रोक दिया जाए। वो पिछली भ्रष्ट लेखपाल की बातें कर रहा है जिसकी हमने जबरजस्त शिकायत कर रखी है उपरोक्त भ्रष्ट लेखपाल के भ्रष्ट होने के हमारे पास ढेरों प्रमाण है।

    राजकुमारी जी ने आगे कहा कि उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी संत जी के अनुसार लेखपाल सही है और सिविल कोर्ट झूठा है, उनमें हिम्मत है तो हमें लिखकर दे कि सिविल कोर्ट का आदेश गलत है।

   उन्होंने क्षेत्राधिकारी मड़ियाहूं पर उचित कार्यवाही करवाने की राष्ट्रपति से मांग किया  क्योंकि मड़ियाहूं क्षेत्र की जनता इनके अत्याचारों से त्रस्त है, ये न्याय-अन्याय नहीं देखते जो पैसा देता है उसी का पक्ष लेने लगते हैं।