थाना बरसठी, जौनपुर के एसओ ने सिविल कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई

बरसठी, जौनपुर उप्र। जिला जौनपुर थाना बरसठी के थानाध्‍यक्ष ने सिविल कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा दी है। ज्ञात हो कि  ग्रॉम परियत जिला जौनपुर की निवासी बुजुर्ग महिला जिनकी उम्र करीव 74 साल की है जो एक रिटायर्ड प्रधानाध्‍यापिका रह चुकी हैं, को ग्रॉम के कुछ दुष्‍ट दबंग उनकी अपनी ही चहारदिवारी में गेट व गृहनिर्माण कार्य नहीं करने दे रहे हैं जिसके लिए वे मुख्‍यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को प्रार्थना पत्र दिया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई बल्‍कि उन्‍हें कोर्ट से अनुतोष प्राप्‍त करने को कहा गया।

     अंत वे बुजुर्ग महिला राजकुमारी देवी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 04 मार्च, 2021 को जौनपुर सीविल कोर्ट का आदेश आया कि वादिनी श्रीमती राजकुमारी देवी अराजी 1156/0.065 की मालिक हैं व उनका नाम राजस्व व अभिलेख में दर्ज हैं, प्रतिवादीगण सुरेश चंद गुप्ता पुत्र राजाराम हस्तक्षेप कर उसे बेदखल करना चाहते हैं अत: उन्हें मना किया जाये व वादिनी राजकुमारी देवी के शांतिपूर्ण व कब्जा व दखल में विधि विरूद्ध तरीके से हस्तक्षेप न करें। वादिनी आदेश 39 नियम 3 सीपीसी का पालन अंदर 24 घंटे करें व उसमें आगे पेज में यह भी लिखा है कि विपक्षी सुरेश चंद गुप्‍ता प्रतिवादिनी को पूर्व दिशा में निकलने या गेट निर्माण आदि करने से न रोकें। यदि कोर्ट के आदेश के पेज 4 में पूरे नक्‍शे के साथ स्‍पष्‍ट ढंग से लिखा है कि : वसदूर डिग्री हुकुम इम्‍तनाई दवायी वहक मुद्दइया (पक्ष यानी राजकुमारी देवी) वमुकाबिल मुद्दावहम मुद्दालहुम (विपक्षी) को हमेंशा के लिए मना किया जाए कि वे मुद्दइया (पक्ष राजकुमारी देवी) की जमीन निजाई निशानी हरूक (अक्षर)  चहारदीवरी बी सी (नक्‍शे की पूर्व दिशा को बी सी नाम दिया) में कोई निकलने व दरवाजा डालने व मुद्दइया (पक्ष) के कब्‍जा दखल  में कोई मजाहमत मदासलत (रोक-टोक) न करें। न चहारदिवारी के बी सी के पूरब रास्‍ते में आने जाने से रोकें तथा मुद्दइया (पक्ष यानी राजकुमारी देवी) के शांतिपूर्ण कब्‍जा दखल उपयोग व निर्माण में कोई अवरोध उत्‍पन्‍न करें।   

इस उपरोक्‍त सिविल कोर्ट के आदेश के बावजूद थाना बरसठी, तहसील मड़ियाहूं, जिला : जौनपुर उप्र के एसओ श्‍याम दास वर्मा (Shyam Das Verma, मोबाइल नंबर : 7651825656) व एसएसआई सदानंद राय (मोबाइल नंबर : 8858516995)  द्वारा जौनपुर 04 मार्च, 2021 को पारित  सिविल कोर्ट के आदेश को पूरा नहीं कराना चाहती है क्योंकि वे पूरी तरह विपक्षीगण से मिलकर मोटी रिश्‍वत की रकम ऐंठ चुके हैं।

इतना ही नहीं बरसठी  थाना के एसओ  श्‍याम दास वर्मामुख्‍यमंत्री को फर्जी रिपोर्ट भेज रहे हैं। ऐसा एक बार नहीं कम से कम दो बार के हमारे प्रास प्रमाण हैं। बरसठी थानाध्‍यक्ष के भ्रष्‍टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री, राष्‍ट्रपति तक से किया गया लेकिन क्षेत्राधिकारी मडि़याहूं पूरे दम-खम के साथ उनके भ्रष्‍टाचार को छिपा देते हैं इस तरह बरसठी एसओ के लिए क्षेत्राधिकारी मडि़याहूं  ढाल का काम कर रहे हैं। निश्चित ही रिश्‍वत का हिस्‍सा उन तक पहुंचता होगा नहीं तो एक भ्रष्‍टाचारी को वे क्‍यों बचाते।

अत: ऐसे पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध किसी रिटायर्ड जज या इंटेलिजेंस एजेंसी से जांच करवाकर उन्हें पूरी तरह हमेंशा के लिए पदमुक्त कर देना चाहिए अन्‍यथा ये पूरे शासन-प्रशासन पर एक बदनुमा धब्‍बा बनकर उसे कलंकित करते रहेंगे।