मस्जिद जागीर नहीं किसी की

मस्जिद जागीर नहीं किसी की

ये दुनिया बड़ी रंग-बिरंगी है, मोह-माया के इर्द-गिर्द जीवन शुरू हो अंत तक भटकता ही रहता है। जब अंत समय ...