चांद

ऐ चांद ! मेरे महबूब से फ़क़्त इतना कहना…

ऐ चांद ! मेरे महबूब से फ़क़्त इतना कहना... अब नहीं उठते हाथ दुआ के लिए तुम्हें पाने की ख़ातिर...   हमने दिल की वीरानियों में दफ़न कर ...