
कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन की भी पेशानी पर बल ला दिया है। दरअसल,भारतीय सेना पाकिस्तान को बुरी तरह से सबक सिखा रही है तो चीन की चिंता इस बात को लेकर है कि इस युद्ध में चीनी हथियारों की पोल खुलती जा रही है,पाकिस्तान द्वारा दागी जा रही चीनी मिसाइल और ड्रोन को भारतीय सेना अपने एयर डिफेंस सिस्टम के माध्यम से एक के बाद एक धराशायी करती जा रही है। सैकड़ों चीनी मिसाइलों को इंडियन आर्मी हवा में ही मार गिरा चुकी है। संभवता इसी के चलते पाकिस्तान की बौखलाहट के साथ ड्रैगन यानी चीन की चिंता बढ़ी हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान से शांति की अपील करते हुए ज्ञान दिया कि बात आगे बढ़ी तो किसी के हित में नहीं होगा। ऐसा करते हुए उसने पाकिस्तान पोषित आतंकवाद पर चुप्पी साधे रखी।
बहरहाल, चीन ने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के मेज पर वापस आने की सलाह देते हुए कहा कि वह मध्यस्थता करने का इच्छुक है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा, हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि शांति और स्थिरता के हित में संयम और शांति बरतें और शांतिपूर्वक साधनों से राजनीतिक सुलह के रास्ते पर वापस आएं। किसी भी ऐसे ऐक्शन से बचें जो तनाव को और ज्यादा बढ़ाए। यह भारत और पाकिस्तान दोनों के हित में होगा और क्षेत्र तकी शांति स्थिरता के लिए आवश्यक है। वैश्विक समुदाय भी इसी की उम्मीद कर रहा है। इसे खत्म कराने के लिए चीन भूमिका निभाने का इच्छुक है।
गौरतलब है कि चीन अपने फायदों के लिए पाकिस्तान को सबसे करीबी दोस्त होने के भ्रमजाल में फंसाए हुए है। चीन ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। भारत के रुख और सैन्य ताकत को देखते हुए चीन को अब अपने प्रॉजेक्ट्स पर भी असर होने का अंदेशा होने लगा है। आतंकवाद को लेकर हमेशा चीन का बचाव करता रहा ड्रैगन अब उसकी पिटाई देख झगड़ा रोकने की इच्छा जाहिर कर रहा है।
उधर, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ पाकिस्तान ने भारत में हमले की नाकाम कोशिशें की हैं तो दूसरी जवाबी कार्रवाई में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। भारत ने पाकिस्तान के चार एयरबेस को बुरी तरह ध्वस्त कर दिया है, जिसमें नूर खान एयरबेस भी शामिल है। इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा स्थिति करीब से निगाह रखी जा रही है। चीन ने टकराव बढ़ने पर अपनी चिंता जाहिर की है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)