समाज

पश्चिम के आर्य सिद्धान्त को धराशायी किया आम्बेडकर ने

यूरोपीय जातियों ने अठाहरवीं शताब्दी में धीरे धीरे भारत पर कब्जा ज़माना शुरु किया और पचास साल में भारत के ...

दश गुरू परम्परा का सर्वपक्षीय मूल्यांकन आवश्यक है 

मध्यकालीन भारतीय दश गुरु परम्परा भारतीय इतिहास की थाती है ।भारतीय इतिहास,संस्कृति और आध्यात्मिकता में उनका योगदान अतुलनीय है । ...

जो ज़िंदगी के लिए मौत को चुनते हैं…

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के लिये अजमल कसाब सिर्फ एक ऐसा नाम है जो फिदायीन बनकर भी मौत को गले ...

आखिर इतनी कट्टरता कैसे और क्यों? 

यह घटना आज़मगढ़, मुर्शिदाबाद या मलप्पुरम जैसे मुस्लिम बहुल इलाके की नहीं है, बल्कि यह हृदयविदारक और वीभत्स घटना इंग्लैण्ड ...

आम्बेडकर की जीवन दृष्टि और भारत का भविष्य

भीमराव आम्बेडकर के चिन्तन और दृष्टि को समझने के लिये कुछ बिन्दु ध्यान में रखना जरुरी है । सबसे पहले ...

जहाँ चप्पे चप्पे में सो रहा है इतिहास, वहाँ की नमन यात्रा

भारत ितब्बत सहयोग मंच ने इस वर्ष से तवांग यात्रा की शुरुआत की है । तवांग अरुणाचल प्रदेश का अंतिम ...

बिना हारे, स्त्री जीत नहीं सकती!

यह अवस्था अर्थात् तृप्ति या ऑर्गेज्म तो स्त्री की पुरुष के समक्ष हार या समर्पण का स्वाभाविक प्रतिफल होता है, ...

धारा 498-ए अप्राकृतिक व अन्यायपूर्ण!

"केवल एफआईआर में नाम लिखवा देने मात्र के आधार पर ही पति-पक्ष के लोगों के विरुद्ध धारा-498ए के तहत मुकदमा ...

क्योंकि देश गुस्से में है…

बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बैचेनी परेशानी से जुझते हुये है। खास लोगों की बैचेनी सत्ता सुख ...

असम के दर्द को समझना जरुरी है

असम समस्या को लेकर चर्चा होती रहती है । उसके समाधान के तरीके भी अपने अपने नजरिये  से बताये जाते ...