घोटाला/भ्रष्टाचार

देश कोरे ‘‘वाद’’ या ‘‘वादों’’ से ही नहीं बनेगा
क्या राजनीति में सौहार्द एवं सद्भावना असंभव है? क्या विरोध की राजनीति के स्थान पर देश के विकास की राजनीति ...
बंसल की आत्महत्या, उन्हें सूली क्यों नहीं ?
दिल्ली में जो घटना घटी है, वैसी शायद देश में पहले कभी नहीं घटी। ऐसा तो कई बार सुना है ...
कैसे लोकतंत्र दागी राजनीति से मुक्त होगा?
लोकतंत्र में शासनतंत्र की बागडोर जनता द्वारा चुने गए सांसदों एवं विधायकों के हाथों में होती है। भारतीय लोकतंत्र की ...
खाट बिछेगी तो नहीं, खड़ी ही होगी
कांग्रेस उत्तरप्रदेश में अपनी सियासी जमीन हासिल करने के सारे प्रयत्न कर रही है। इसी रणनीति का हिस्सा हैं कांग्रेस ...
कठघरे में केजरीवाल ?
राजनीति को कीचड़ मान कर उसमें कूदकर सिस्टम बदलने का ख्वाब केजरीवाल ने अगर 2012 में देखा तो उसके पीछे ...
गुप्ता ने दिखाया सुकरात का तेवर
भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सेवा-निवृत्त सचिव एच.सी. गुप्ता ने अदालत में जो बात कही है, वह गजब की ...
‘भ्रष्टाचार की गंगा’ को प्रवाह देने वालों से सावधान
सांप्रदायिकता तथा जातिवाद की ही तरह भ्रष्टाचार भी देश के विकास में एक बड़ा रोड़ा साबित होता आ रहा ...
काला धन कैसे खत्म करें?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अपने ‘मन की बात’ में काफी काम की बात कही है। उन्होंने देशवासियों को ...
सूखे पर सबकी आंखें गीली
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जैसी मार लगाई है, वैसी कम ही लगाई जाती है। दस राज्यों में सूखे ...