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लोहड़ी, जो रस्म ही रह गई…

तीज-त्यौहार हमारी तहज़ीब और रवायतों को क़ायम रखे हुए हैं. ये ख़ुशियों के ख़ज़ाने हैं. ये लोक जीवन का एक ...

नयी सोच से नए जीवन की शुरुआत करें

हर व्यक्ति शांति, सुख और प्रसन्नता चाहता है और जिन्दगीभर उसी की खोज में लगा रहता है। ऐसी ही चाहत ...

क्यों न स्त्री होने का उत्सव मनाया जाए

स्त्री ईश्वर की एक खूबसूरत कलाकृति  ! यूँ तो समस्त संसार एवं प्रकृति ईश्वर की बेहतरीन रचना है किन्तु स्त्री उसकी ...

उचित नहीं धार्मिक विषयों का राजनीतिकरण

                हमारे देश में राजनेताओं द्वारा लोकलुभावन राजनीति किए जाने की शैली ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है ...

नीति और नियमों का सरलीकरण जरूरी

      कालेधन एवं भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये नीति एवं नियमों का सरलीकरण जरूरी है। नीति आयोग के ...

आइटीपीओ मैनेजमेंट की घोर लापरवाही

राजीव कुुमार, प्रगति मैैदान से लाइव      नई दिल्‍ली। हमें कुछ कहने की आवश्‍यकता नहीं है, ये तस्‍वीर ही हमारा ...

मेले में बुजुर्गों नें लगाई आशीर्वादों की झड़ी़

     राजीव कुुमार, प्रगति मैदान से लाइव बुजुर्गों, दिव्यांगों व महिलाओं के लिए सीएसआर व ओएनजीसी की अनूठी पहल     ...

आइये जाने उन कारण को जिनके कारण होती हैं आर्थिक परेशानी

प्रिय पाठकों/ मित्रों, अक्सर मेरे पास कई जातको की समस्याएं आती रहती है जिनमे अक्सर धन समस्या भी होती है, ...

स्वर समर्पण का   ‘गुरू शिष्‍य माता-पिता परम्परा’ महोत्सव

     गत दिनों आई॰ सी॰ सी॰ आर॰ (ICCR) के आज़ाद भवन सभागार में स्वर समर्पण के अध्यक्ष आचार्य अभिमन्यु द्वारा ...

शाही शादी और नोटबंदी से उपजे सवाल

     एक तरफ जहां लाखों लोग एटीएम और बैंकों की लाइनों में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के ...