Author: तनवीर जाफ़री

वो शम्मा क्या बुझे जिसे रोशन ख़ुदा करे

    पेरिस ओलम्पिक खेलों में जिसे स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीद के रूप में देखा जा रहा था ...

हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे

     मानसून की आमद हो चुकी है। इस मौसम में देश के किसी न किसी भाग से बाढ़,जलप्रलय,भूस्खलन,बादल फटने जैसी ...

राहुल की मेहनत पर पानी फेरती पार्टी की गुटबाज़ी

     देश के सबसे प्राचीन राजनैतिक संगठन कांग्रेस ने जितनी बार विभाजन व विघटन सामना किया है उतना किसी  ...

वृक्षारोपण : अब नहीं तो कब ?

     उस कोरोना काल को याद कीजिये जब कोविड प्रभावित लोग ऑक्सीजन के बिना तड़प तड़प कर मर रहे थे। ...

आपातकाल विमर्श यानी ‘गड़े मुर्दे उखाड़ना ‘? 

     केंद्र की एन डी ए सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने ...

मंडराने लगे हैं जल संकट के बादल

      इसी वर्ष मई माह के मध्य में दक्षिण अफ़्रीक़ा से आई इस ख़बर ने पूरे विश्व को ...

यह है क़ानून का राज : हम कब करेंगे आत्मावलोकन ?

     स्विट्ज़रलैंड की एक अदालत ने ब्रिटेन के सबसे अमीर भारतीयों में गिने जाने वाले भारतीय मूल के हिंदुजा ...

पाकिस्तान : किसका दोस्त किसका दुश्मन ?

     देश में लोकसभा चुनाव हों और पाकिस्तान की इंट्री न हो ऐसा बहुत कम ही देखा गया है। ...

भारतीय रेल – सपने और हक़ीक़त

     भारतीय रेल मंत्रालय लोकलुभावन विज्ञापन जारी कर अपनी छवि गढ़ने की क़वायद में जुटा हुआ है। वंदेभारत श्रेणी ...

दलबदलू : हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद ? 

    वर्तमान दौर में हमारे देश में राजनीतिज्ञों की छवि ऐसी बन चुकी है कि यदि आप किसी भी ...