Author: सुरेश चिपलुनकर

ट्रंप की जीत : राष्ट्रवाद की “वैश्विक धमक”

     दुनिया भर में खुद को स्वघोषित बुद्धिजीवी, तथाकथित रूप से प्रगतिशील और उदारवादी समझने वाले और वैसा कहलाने ...

मोदी की आर्थिक क्रान्ति – प्रभाव और दुष्प्रभाव… 

     Benefits and Demerits of Demonetization      कहावत है की मुसीबत कभी अकेले नहीं आती, वह दो-चार और बड़ी-बड़ी ...

विचारधारा से भटकाव, और संघ से विमुखता… – बदली हुई भाजपा

कहावत है की “आधी छोड़, पूरी को धाए, न आधी मिले न पूरी पाए”. अर्थात हाथ में मौजूद आधी रोटी ...

गोवा में “वेलिंगकर वैचारिक घमासान” :– संघ भाजपा की मुश्किलें

जैसा कि सभी जानते हैं हाल ही में, गोवा प्रांत के संघ प्रमुख प्रोफ़ेसर सुभाष वेलिंगकर को RSS ने सभी ...

सैनिकों के लिए DRDO का तोहफा…

सामान्यतः जब मटन को काट लिया जाता है, तब वह सामान्य परिस्थितियों में केवल छः घंटे ही बिना रेफ्रिजेरेशन के ...

कैसे समाप्‍त हो इस्‍लामिक आतंकवाद

इस्लामिक आतंकवाद : इतिहास, कारण और निवारण जब रेतीले क्षेत्र में तूफ़ान आते हैं, उस समय शतुरमुर्ग अपना सिर रेत में ...

ये भारत में क्‍या हो रहा है

स्कूल में नमाज के लिए अलग कमरे की माँग... :- पश्चिम बंगाल में फलता-फूलता सेकुलरिज़्म... बंगाल में हावड़ा से पच्चीस मिनट ...

“गैरों पे करम, अपनों पे सितम… ऐ जाने वफा ये ज़ुल्म न कर”

गैरों पे करम और विचारधारा से भटकाव – भाजपा का नया अवतार हाल ही में जब उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ...

प्रकाश प्रदूषण : एक धीमा जहर ?

पाठकगण शीर्षक देखकर चौंकेंगे, लेकिन यह एक हकीकत है कि धीरे-धीरे हम जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण के बाद अब प्रकाश ...

कागज : एक राष्ट्रीय सम्पत्ति

सन २००४ के आम चुनाव भारत के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित हुए हैं, राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण ...