इक ग़ज़ल उसकी शान मेँ लिख दूँ

इक ग़ज़ल उसकी शान मेँ लिख दूँ

शायरोँ की जुबान मेँ लिख दूँ, अपने ताजे दीवान मेँ लिख दूँ। काब-ए-दिल मेँ तेरा नाम लिक्खा, जाऊँ मैँ अब कुरान मेँ लिख ...