मेरे दिल में इक चाहत है

प्रीति सुराना​​

मेरे दिल में इक चाहत है,आज नया सा गीत लिखूं।

मुखड़े में लिख नाम तुम्हारा, बन्द-बन्द मनमीत लिखूं।।

 

रोज गली में छुपकर आना,मेरी एक झलक की खातिर,

देख तुझे मेरा छुप जाना,तुझको तकना धीरे से फिर,

आखिर नजरों के मिलने को, हार लिखूं या जीत लिखूं,

मुखड़े में लिख नाम तुम्हारा, बन्द-बन्द मनमीत लिखूं।।

 

नजरों के यूंही मिलने से,दिल ने दिल से नाता जोड़ा,

लाख मनाया मैंने दिल को, फिर भी सीमाओं को तोड़ा,

दिल से दिल ही जोड़ लिए तो, प्रीति भरी यह रीत लिखूं,

मुखड़े में लिख नाम तुम्हारा,बन्द-बन्द मनमीत लिखूं।।